इस दौरान सभी ने जून 2013 की आपदा में केदारनाथ में भवन व भूमि खो चुके प्रभावितों को भूस्वामित्व देने सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार से आमरण अनशन करने का निर्णय लिया। चारधाम तीर्थ महापंचायत ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।
केदारनाथ के तीर्थपुरोहित और हक-हकूकधारियों का क्रमिक अनशन दूसरे दिन रविवार को भी जारी रहा। इस दौरान सभी ने जून 2013 की आपदा में केदारनाथ में भवन व भूमि खो चुके प्रभावितों को भूस्वामित्व देने सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार से आमरण अनशन करने का निर्णय लिया। चारधाम तीर्थ महापंचायत ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।
वरिष्ठ तीर्थपुरोहित व केदारसभा के सदस्य उमेश पोस्ती ने कहा कि आपदा में अपने भवन, भूमि खो चुके लोगों को भूस्वामित्व देने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है। केदारनाथ में 24 घंटे तक व्यापारिक गतिविधियां बंद रखने के बाद भी सरकार की ओर से अपना पक्ष नहीं रखा गया है। उन्होंने पुनर्निर्माण के तहत केदारनाथ में बनाए जा रहे तीन से चार मंजिला भवनों को लेकर भी नाराजगी जताई। कहा, सरकार केदारनाथ को जोशीमठ बनाने का काम कर रही है।
केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि जब तक मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती आंदोलन जारी रहेगा। धरना देने वालों में अंकित सेमवाल, कुंवर शुक्ला, संतोष त्रिवेदी, जगदीश तिनसोला, प्रदीप शर्मा, रमाकांत शर्मा, पंकज शुक्ला, बृजेश पोस्ती, विमल शुक्ला, देवेंद्र शुक्ला, लक्ष्मण तिवारी, प्रवीण तिवारी आदि थे। चारधाम तीर्थ महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि केदार सभा के बैनर तले चार सूत्री मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो चारों धामों में आंदोलन किया जाएगा।