फिरोजपुर (जतिंदर पिंकल ):- बुधवार को शहर स्थित आॅफिसर कॉलोनी निवासी एक सरकारी मुलाजिम की ओर से रिहायशी क्वार्टर में लगे वर्षों पुराने जामुन के पेड़ को बिना प्रशासनिक मंजूरी के कटवाकर प्राईवेट लोगों को बेच दिया गया व प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई को लेकर एक दूसरे पर बात को डालते नजर आए । एक ओर पर्यावरण को बचाने के लिए प्रशासन व विभिन्न पर्यावरण से संबंधित संस्थाएं समय-समय पर मुहिम चलाकर लोगों को नए पेड़ लगाकर उनकी संभाल करने के लिए जागरूक करती हैं तो वहीं सरकारी मुलाजिम ही सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिन-दिहाड़े पेड़ काे कटवाकर बेच गया और प्रशासन आंख मूंदकर बैठा रहा
शहर में वर्षों पुरानी ऑफिसर कॉलोनी में कई वर्ष पुराने सैंकड़ों पेड़ लगे हैं जिसमें कई क्वार्टर व कोठियाें के अंदर तो कई पेड़ बाहर हैं । वहीं समय-समय पर चलाई गई मुहिमों के तहत कुछ लोगों की ओर से अपने स्तर पर भी पौधे लगाए गए हैं । बेशक पेड़ खुद लगाया गया या सरकारी पेड़ हो मगर सरकारी जगह पर लगा और हरा पेड़ काटने की किसी को विभाग की ओर से मंजूरी नहीं है । सरकारी जगह पर लगे पेड़ को काटने के लिए संबंधित विभाग की ओर से वन विभाग से लिखित परमिशन की आवश्यकता होती है मगर संबंधित मुलाजिम की ओर से किसी भी नियम कानून को न मानते हुए अपनी ही इच्छा से वर्षों पुराने हरे पेड़ को काट दिया । यह सरासर हत्या के बराबर है । एक पौधे को पेड़ बनने में सालों का इंतजार करना पड़ता है मगर उक्त मुलाजिम ने पेड़ काे कटवाते समय एक बार भी नहीं सोचा ।

    इस मामले में जब संबंधित हलका गुरू हरसहाए एसडीएम कार्यालय में तैनात मुलाजिम गगन से बात की गई तो उसने कहा कि उसने खुद ही पेड़ लगाया था व कटवा दिया । इस संबंध में उसे किसी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं ।

    वहीं इस संबंध में जब डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए आदेश जारी करेंगें व पेड़ काटने वाले पर बनती कार्रवाई की जाएगी ।

    वहीं इस संबंध में जब संबंधित हलका गुरू हरसहाए के एसडीएम गगनदीप से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह मुलाजिम आज ड्यूटी पर है या नहीं उन्हें ज्ञात नहीं है । यह पेड़ काटने वाला मामला भी उनके संज्ञान में नहीं है वह इस संबंध में पता करवाकर अगली कार्रवाई करेंगें ।

    वहीं इस संबंध में जब वन रेंज अधिकारी बोहड़ सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह इस मामले में पुलिस को शिकायत दें व पुलिस की ओर से उनके पास अस्सैमेंट संबंधी पत्र जारी किया जाएगा जिसके बाद वह पेड़ काटने की परमिशन देते हैं । वह सीधे तौर पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर सकते । संबंधित विभाग के अधिकारी उन्हें अगर लिखित में देंगें तो वह बनती कार्रवाई करेंगें ।