प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान सम्मेलन में शामिल होने के लिए लाओस दौरे पर हैं। आज उनके दौरे का दूसरा दिन है। आज प्रधानमंत्री मोदी आसियान सम्मेलन से इतर आसियान देशों के विभिन्न नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। वियनतियाने में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के साथ ही ईस्ट एशिया सम्मेलन का भी आयोजन हो रहा है। शुक्रवार को ईस्ट एशिया सम्मेलन से इतर पीएम मोदी ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने चक्रवाती तूफान मिल्टन में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज और क्वाड समूह के अन्य सदस्यों से मुलाकात की।
पीएम मोदी ने कहा- 21वीं सदी एशियाई देशों की सदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने में भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव चल रहा है, ऐसे समय भारत और आसियान के बीच संवाद और सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने ‘एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता’ के लिए ‘सम्मान’ का आह्वान किया। 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरे होने के उपलक्ष्य में 10 सूत्री योजना की भी घोषणा की, जिसमें आसियान-भारत साइबर नीति वार्ता, 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाना, नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्तियों की संख्या को दोगुना करना आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी एशियाई सदी है, भारत और आसियान देशों की सदी है। हम पड़ोसी हैं, वैश्विक दक्षिण में भागीदार हैं और दुनिया में तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र हैं। हम शांतिप्रिय राष्ट्र हैं जो एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं।
इन 10 सूत्री योजनाओं का किया गया एलान
.साल 2025 को आसियान-भारत का पर्यटन वर्ष घोषित किया गया। भारत इसके लिए 50 लाख डॉलर देगा।
. युवा शिखर सम्मेलन, स्टार्ट-अप महोत्सव, हैकाथॉन, संगीत महोत्सव, आसियान-भारत थिंक टैंक नेटवर्क और दिल्ली वार्ता सहित कई जन-केंद्रित गतिविधियों के माध्यम से एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक का जश्न मनाया जाएगा।
. आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास निधि के तहत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन करना।
. नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति की संख्या को दोगुना करना और भारत में कृषि विश्वविद्यालयों में आसियान छात्रों के लिए नई छात्रवृत्ति का प्रावधान करना।
. 2025 तक आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा करना।
.आपदा से निपटने के इंतजाम को बढ़ाना जिसके लिए भारत 50 लाख डॉलर उपलब्ध कराएगा।
. स्वास्थ्य ढांचे के निर्माण की दिशा में स्वास्थ्य मंत्रियों के एक नए ट्रैक की शुरुआत करना।
. डिजिटल और साइबर ढांचे को मजबूत करने की दिशा में आसियान-भारत साइबर नीति वार्ता का एक नियमित तंत्र शुरू करना।
. ग्रीन हाइड्रोजन पर कार्यशाला आयोजित करना।
. जलवायु सुरक्षा की दिशा में ‘माँ के लिए एक पेड़ लगाओ’ अभियान में शामिल होने के लिए आसियान नेताओं को आमंत्रित करना।
आसियान के 10 सदस्य देशों में इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, म्यांमार, कंबोडिया, ब्रुनेई और लाओस शामिल हैं। म्यांमार में गृहयुद्ध और दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय तनाव के बीच एकत्र हुए। म्यांमार ने विदेश मंत्रालय के स्थायी सचिव आंग क्याव मो को शिखर सम्मेलन में भेजा, जो तीन वर्षों में शिखर सम्मेलन में उनके पहले उच्च-स्तरीय प्रतिनिधि हैं, जब आसियान ने 2021 के अंत में इसे राजनीतिक प्रतिनिधि भेजने से रोक दिया था।