सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार, धन-शोधन मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यदि मुकदमा “ढुलमुल तरीके” से आगे बढ़ता है, तो कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित मामलों में सिसोदिया 3 महीने में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बता दें कि AAP नेता मनीष सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच में हुई। कोर्ट ने जांच एजेंसियों को निर्देश दिया कि ट्रायल 6 से 8 महीने में पूरा करें। अगर देर होती है तो सिसोदिया जमानत के लिए दोबारा अपील कर सकते हैं।
जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जांच एजेसियों की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और मनीष सिसोदिया की ओर से एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में दलीलें रखीं।
17 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और घोटाले से उनका कोई संबंध नहीं है, फिर उन्हें आरोपी क्यों बनाया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ED ये नहीं कह रही कि पैसा आपके पास आया है। बल्कि उसका कहना है कि सिसोदिया की इन्वॉल्वमेंट में घोटाले का पैसा इधर-उधर किया गया है।