ओडिशा में चिल्का झील, भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और हीराकुंड जलाशय में पक्षियों की गणना पूरी हो चुकी है। इस संबंध में रविवार को अधिकारियों ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्य-शीतकालीन गणना के दौरान तीनों प्रमुख जल निकायों में 200 से अधिक प्रजातियों के 16.56 लाख से अधिक पक्षी देखे गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, जल निकायों में पक्षियों की गणना शनिवार को की गई। इस कार्य में 200 से अधिक समर्पित प्रतिभागियों ने भाग लिया, इनमें वन कर्मचारी, पक्षीविज्ञानी, शोधकर्ता और प्रशिक्षित स्वयंसेवक शामिल थे।

    पक्षियों की सटीक पहचान के लिए स्पॉटिंग स्कोप-दूरबीन का उपयोग किया
    अधिकारियों ने बताया कि पक्षियों की सटीक पहचान और गणना सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग टीमों ने स्पॉटिंग स्कोप, दूरबीन और डेटा शीट का उपयोग किया और आर्द्रभूमि का सावधानीपूर्वक सर्वेक्षण किया।

    चिल्का झील में पहुंचे कुल 11,27,228 पक्षी
    एक अधिकारी ने बताया कि चिल्का झील में कुल 11,27,228 पक्षियों की गिनती की गई। इसमें लैगून में पक्षियों के स्वर्ग नालबाना में अकेले 3,43,226 पक्षी शामिल हैं। गणना के अनुसार, चिल्का झीला में 109 प्रजातियों के 10,87,226 प्रवासी पक्षी थे। जबकि, 87 प्रजातियों में से 40,002 पक्षी स्थानीय थे। इस साल चिल्का झील में सबसे ज्यादा गडवाल प्रजाति के 2,01,926 पक्षी आए। हालांकि, 2024 की तुलना में इस साल पक्षियों की संख्या में थोड़ी कमी आई है।

    भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में मेहमान पक्षियों की संख्या बढ़ी
    हालांकि, वन विभाग द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, इस सर्दी में केंद्रपाड़ा जिले के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में पंख वाले मेहमान पक्षियों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है। एक अधिकारी के अनुसार, इस साल राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की संख्या बढ़कर 1,51,614 हो गई, जबकि पिछले साल यह 1,51,421 थी। यहां 118 प्रजातियों के पक्षी देखे गए, जो पिछले साल की 121 प्रजातियों से कम है।

    भितरकनिका में सबसे अधिक मेहमान लेसर व्हिसलिंग डक देखे गए
    एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस बार सबसे अधिक संख्या में पंख वाले मेहमान लेसर व्हिसलिंग डक देखे गए, जिनकी संख्या 44,825 रही। इसके बाद उत्तरी पिंटेल की संख्या 18,776 है।

    हीराकुंड जलाशय में आए 3,77,732 पक्षी
    संबलपुर जिले के हीराकुंड जलाशय में भी 122 प्रजातियों के 3,77,732 पक्षियों की गिनती की गई, जबकि पिछले साल 3.42 लाख पंख वाले मेहमान पक्षी थे। इस क्षेत्र में पक्षियों की वार्षिक गणना में शामिल एक कर्मचारी ने कहा कि पक्षियों का देखना बहुत सुखद अनुभव था, क्योंकि वे ओडिशा की आर्द्रभूमि को अपने ठंडे निवास के लिए पसंद करते हैं और इसे अपने शीतकालीन निवास के लिए अनुकूल पाते हैं।