बर्ड फ्लू की वजह से दुनियाभर में अब तक 30 करोड़ पक्षियों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगाह किया है कि यह वायरस अब अन्य प्रजातियों में भी फैल रहा है। इसमें तेजी से बदलाव भी आ रहे हैं। शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि हालत चिंताजनक हैं।
कैलिफोर्निया में आपात स्थिति
अमेरिका में बर्ड फ्लू तेजी से फैलने के कारण कैलिफोर्निया राज्य सरकार ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। यूनाइटेड स्टेट सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि आठ राज्यों में 60 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश को हल्की बीमारियां हैं। लुइसियाना में एक व्यक्ति को देश में वायरस के कारण पहली बार गंभीर बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने कहा कि उन्होंने राज्य के कर्मचारियों और आपूर्ति को प्रकोप से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में रखने के लिए आपातकाल घोषित किया है।
इस वर्ष 76 लोग संक्रमित, इनमें अधिकतर फार्मकर्मी
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस वर्ष एच5एन1 के कारण 76 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से अधिकांश खेतों या फार्म में काम करने वाले कर्मचारी हैं। इनमें 60 से अधिक मामले अमेरिका में सामने आए हैं जहां वन्यजीवन और मुर्गीपालन में भी एच5एन1 का प्रकोप है। इसके अलावा चीन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कम्बोडिया और वियतनाम में भी संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के अनुसार जो क्षेत्र प्रोटीन के लिए मुर्गीपालन स्रोत पर बहुत हद तक निर्भर हैं वहां एवियन इन्फ्लूएंजा के कारण खाद्य व पोषण सुरक्षा के लिए गम्भीर खतरा होने की आशंका है।
फिलहाल इन्सानों के लिए ज्यादा खतरा नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन में महामारी प्रबन्धन के डॉ. मारिया वान कर्कहोव का कहना कि नवीनतम वैज्ञानिक विश्लेषण के जरिए आम लोगों के लिए मौजूदा जोखिम का आकलन किया गया है। हालांकि इन्सानों के लिए यह जोखिम फिलहाल कमतर आंका गया है। इसके बावजूद खेतों पर काम कर रहे और संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने वाले लोगों के लिए यह जोखिम निम्न से मध्यम स्तर पर है।
वायरस में बदलाव
संयुक्त राष्ट्र की न्यूज वेबसाइट में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के डॉ. मधुर धींगड़ा के हवाले से बताया गया है कि एच5 एन1 वायरस में बदलाव आ रहे हैं और यह अब वन्यजीवों में फैल रहा है। पिछले तीन वर्षों में पांच महाद्वीपों में स्थित 108 देशों में इसके संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।