ED के सूत्रों ने दावा किया कि एक स्थानीय अदालत ने प्रथम दृष्टया सीएम केजरीवाल को इस मामले में पूर्व में जारी नोटिसों की ‘अवज्ञा’ करने का दोषी पाया है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक 55 वर्षीय केजरीवाल ने छठी बार संघीय एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था
दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी यानी शराब नीति में हुए कथित घोटाले के मामले में आज प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सातवां समन जारी किया है. ताजा समन में केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली के सीएम को 26 फरवरी (सोमवार) को पेश होने के लिए कहा है. गौरतलब है कि ईडी इससे पहले केजरीवाल को 6 समन जारी कर चुकी है लेकिन वो कभी विपश्यना के नाम पर तो कभी विधानसभा की कार्यवाई या पार्टी के काम से बाहर होने के नाम पर पूछताछ के लिए जाने से बचते रहे हैं.
केजरीवाल और उनकी पूरी पार्टी एक सुर में ईडी के समन को गैरकानूनी, गलत और असंवैधानिक बता रही थी. जिसके बाद एजेंसी अपना काम पूरा करने के लिए यानी केजरीवाल से पूछताछ करने की बात लेकर अदालत की चौखट तक पहुंची थी.
ईडी की दलील
दरअसल ईडी कह चुकी है कि आबकारी घोटाले के आरोपी इंडोस्पिरिट के डायरेक्टर समीर महेंद्रू ने ईडी को पूछताछ में बताया था कि केजरीवाल के बेहद करीबी विजय नायर ने उसकी मुलाकात फेस टाइम एप के जरिये अरविंद केजरीवाल से करवाई थी. जिसमें केजरीवाल ने उससे बोला था कि विजय नायर उसका आदमी है और उसे नायर पर भरोसा करना चाहिए. ईडी ने कोर्ट में बताया है कि आबकारी नीति को लेकर मीटिंग अरविंद केजरीवाल के घर पर भी हुई थी. ऐसे ईडी के पास कई वजहें हैं, जिनकी वजह से वो केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है.
मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मार्च तक बढ़ी
वहीं इसी मामले को लेकर मनीष सिसोदिया को न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद राऊज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया. सीबीआई ने जांच की प्रगति के बारे में सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की. इस पर कोर्ट ने कहा है कि अभी इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी साझा नहीं की जाएगी. इसके बाद कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत की अवधि 12 मार्च तक बढ़ा दी है. इस केस में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी. सीबीआई ने जांच की प्रगति के बारे में सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की.
क्या है पूरा मामला?
आपको बताते चलें कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में शामिल होने के आरोप में ईडी की न्यायिक हिरासत में हैं. यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है.