भगवंत मान सरकार के लगातार दावों के बावजूद पंजाब में बुधवार को भी पराली जलाने के 95 मामले सामने आए। इनमें अमृतसर में सबसे अधिक 48 मामले और सबसे कम बठिंडा में केवल एक मामला सामने आया। पटियाला में आठ, कपूरथला में 13, तरनतारन में 19 मामले रिपोर्ट हुए।

    पंजाब में पराली जलाने के मामले में बीते दो साल का रिकॉर्ड टूट रहा है। बुधवार तक पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 656 पहुंच गई, जबकि साल 2021 में चार अक्तूबर तक केवल 260 मामले सामने आए थे और साल 2022 में 415 मामले ही रिपोर्ट हुए थे।

    पराली जलाने के मामले में अमृतसर लगातार टॉप पर बना हुआ है। बुधवार को भी पंजाब भर में अमृतसर में सबसे अधिक 48 मामले सामने आए, जबकि 15 सितंबर से लेकर अब तक पराली जलाने के कुल मामलों की गिनती बढ़कर 429 पहुंच गई है। वहीं, 88 मामलों के साथ तरनतारन दूसरे और 39 मामलों के साथ कपूरथला जिला तीसरे नंबर पर बना हुआ है।

    बठिंडा में सिर्फ एक जगह जली पराली

    लगातार दावों के बावजूद पंजाब में बुधवार को भी पराली जलाने के 95 मामले सामने आए। इनमें अमृतसर में सबसे अधिक 48 मामले और सबसे कम बठिंडा में केवल एक मामला सामने आया। पटियाला में आठ, कपूरथला में 13, तरनतारन में 19 मामले रिपोर्ट हुए। खास बात यह है कि साल 2021 में आज के दिन ही केवल 23 मामले और 2022 में पराली जलाने के 65 मामले ही पाए गए थे। पीपीसीबी चेयरमैन आदर्श पाल विग ने कहा कि रेवन्यू रिकार्ड के जरिये जिन खेतों में पराली जली, उनके मालिकों की पहचान की जा रही है।

    आरोपी पाए जाने वाले किसानों पर जुर्माने किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले किसी किसान को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि खेतों में पराली को काटकर मिट्टी में ही मिलाने वाली खेतीबाड़ी मशीन सरकार की ओर से सब्सिडी पर दी जा रही है। किसानों को इस स्कीम का लाभ उठाना चाहिए।

    बढ़ रहा है प्रदूषण का स्तर

    पराली जलने के मामलों में लगातार वृद्धि के कारण पंजाब के विभिन्न शहरों में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। अमृतसर में मंगलवार को एक्यूआई 75 था, वहीं बुधवार को 82 दर्ज किया गया। लुधियाना में एक्यूआई 88 से बढ़कर 115, पटियाला में 108 से 116, जालंधर में 67 से 141, खन्ना में 68 से 116 पहुंच गया है।