कोविड पीड़ितों में डायरिया जैसे लक्षण नहीं देखे गए थे। मगर अब इस तरह के लक्षणों ने चिंता बढ़ा दी है। अधिकतर लक्षण 2022 में फैले संक्रमण के समान ही हैं।

    देश में कोविड के मामलों में एक बार फिर तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार अलर्ट हो गए हैं। दरअसल, इस समय कोविड के नए वेरिएंट JN.1 के मामले काफी तेजी से सामने आ रहे हैं। देश में इस नए वेरिएंट के कुल 21 नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारियों के मन में कई नए सवाल खड़े हो रहे हैं।

    बढ़ते कोविड-19 मामलों ने कुछ वैज्ञानिकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या JN.1 सर्दियों में एक विस्फोटक वृद्धि लाने वाला है, जैसा कि पहले देखा गया है। हालांकि, कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा नहीं है, क्योंकि अब तक की गई जांच में ऐसे खास सैंपल सामने नहीं आए हैं। सरल शब्दों में कहें तो, अब तक ऐसा कोई डेटा सामने नहीं आया है, जो बताता है कि लोग कोविड से गंभीर पाचन संबंधी बीमारियों का सामना कर रहे हैं।

    तेजी से फैलने वाला सब-वेरिएंट

    कोविड के नए वेरिएंट JN.1 को कोविड के सबसे तेजी से फैलने वाले वेरिएंट में से एक माना जा रहा है। इस संक्रमण के फैलने की गति के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसपर अपना ध्यान केंद्रित किया है। मालूम हो कि यह सब-वेरिएंट अगस्त में सामने आए BA.2.86 का ही वंशज है। WHO के मुताबिक, लेटेस्ट बूस्टर फॉर्मूलेशन को इसके खिलाफ बचाव के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, संगठन ने अलर्ट जारी करते हुए इस बात की जानकारी भी दी है कि पहले से संक्रमित हो चुके लोगों और यहां तक कि टीकाकरण करा चुके लोगों के लिए भी इस वेरिएंट से खतरा है।

    साल के अंत में बढ़ने लगे मामले

    JN.1 साल के अंत में कोविड की लहर को एक गति दे रहा है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने पिछले सप्ताह कहा था कि अमेरिका में इसका असर काफी तेजी से देखने को मिल रहा है और कोविड अस्पताल में भर्ती होने की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऑस्ट्रिया, जर्मनी, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर सहित कई देशों में जांच में तेजी से वृद्धि हुई है।