हरियाणा में सिरसा जिला के उप मंडल डबवाली में बुधवार शाम एक पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट से एक नवयुवक की मौत हो गई जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए। विस्फोट के बाद भड़की आग से फैक्ट्री क्षेत्र के अलावा पास पड़ोस के दो-तीन घरों को भी नुकसान पहुंचा है। डबवाली शहर थाना अधिकारी शैलेंद्र कुमार के अनुसार मलोट रोड पर रेलवे ओवरब्रिज के पास ज्ञानचंद पुत्र किशोरी लाल अपने घर में ही पटाखा फैक्ट्री चलता था। आज बाद दोपहर गैस सिलेंडर फट गया जिससे आसपास में रखे हुए पटाखे में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। तेज धमाकों से मकान की छत उड़ गई। पटाखों के तेज धमाकों के साथ आसमान में उठे धुंए के गुब्बार से पूरा इलाका दहल गया। लोगों का जमावड़ा लग गया। सूचना पाकर पुलिस व दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची। लोगों की भी यहां खूब भीड़ जमा हो गई, जिससे दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने में दिक्कत का सामना करना पड़ा। पुलिस ने भीड़ व तमाशबीनो को तीतर-बितर किया तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका।

    आग में डबवाली की नर्सिंग कॉलोनी निवासी गोली (16) पुत्र इकबाल, ज्ञानचंद पुत्र किशोरी लाल 40 वर्ष व गोपाल पुत्र सुखपाल 17 वर्ष बुरी तरह झुलस गए। सभी घायलों को डबवाली के नागरिक अस्पताल ले जाया गया जहां रास्ते में ही गोली ने दम तोड़ दिया। नागरिक अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद ज्ञानचंद व गोपाल को ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट बठिंडा रेफर कर दिया गया। कुमार ने बताया कि रिहायशी क्षेत्र में चल रही इस पटाखा फैक्ट्री का लाइसेंस था या नहीं इसकी पड़ताल की जा रही है। पुलिस सभी तथ्यों की पूछ पड़ताल में लगी हुई है। गौरतलब है कि 28 वर्ष का लंबा अंतराल बीत जाने के बावजूद डबवाली में हुए अग्निकांड से नसीहत नही ली और आज भी जलने से उपचार का टोटा है। गत 23 दिसम्बर 1995 में हुए डबवाली अग्निकांड में चार सौ से अधिक लोगों की झुलसने से मौत हो गई थी। डबवाली में आवश्यक जल से लोगों के उपचार के लिए विशेष सुविधाएं जुटाना की यहां के लोगों ने खूब मांग की थी। सिरसा के सिविल सर्जन डॉ महेंद्र भादू से जब पूछा गया तो बताया कि डबवाली में बर्न यूनिट स्थापित करने का काम अभी प्रक्रिया में है।