भारत सरकार अमेरिकी स्ट्रीमिंग कंपनी नेटफ्लिक्स के खिलाफ वीजा उल्लंघन, कर चोरी और नस्लीय भेदभाव के आरोपों की जांच कर रही है। यह जानकारी एक सरकारी ईमेल के जरिए सामने आई है, जो नेटफ्लिक्स की पूर्व कार्यकारी अधिकारी नंदिनी मेहता को भेजा गया था। यह ईमेल 20 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के अधिकारी दीपक यादव की ओर से लिखा गया था। इस ईमेल में नेटफ्लिक्स की व्यावसायिक प्रथाओं पर चिंता जताई गई थी। इसमें वीजा उल्लंघन और नस्लीय भेदभाव के मामले भी शामिल हैं। यादव ने लिखा, हमें कंपनी के व्यवहार के बारे में कुछ जानकारी मिली है। एफआरआरओ इन आरोपों की जांच कर रहा है। नंदिनी मेहता 2020 में नेटफ्लिक्स छोड़ने से पहले भारत में कंपनी की व्यापार और कानूनी मामलों की निदेशक थीं। उन्होंने पुष्टि की है कि वह अमेरिका में नेटफ्लिक्स के खिलाफ अनुचित बर्खास्तगी, नस्लीय और लिंग भेदभाव के लिए मुकदमा दायर कर रही हैं। नेटफ्लिक्स ने इन आरोपों का खंडन किया है। मेहता ने कहा कि वह भारत सरकार की जांच का स्वागत करती हैं और उम्मीद करती हैं कि इसके परिणाम सार्वजनिक किए जाएंगे। हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है।

    इस जांच को भारत में नेटफ्लिक्स की बढ़ती गतिविधियों के से साथ जोड़कर देखा जा रहा है, जहां इस प्लेटफॉर्म के करीब 10 मिलयन यूजर्स हैं। भारत नेटफ्लिक्स के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है और कंपनी स्थानीय सामग्री के उत्पादन (लोकल कंटेंट प्रोडक्शन) पर फोकस कर रही है। हालांकि, नेटफ्लिक्स को कुछ शो के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।

    वहीं, नेटफ्लिक्स ने इस जांच को लेकर कहा कि उसे इसकी जानकारी नहीं है। उसने मेहता के आरोपों को यह कहते हुए खारिज किया कि उन्हें कोर्पोरेट क्रेडिक कार्ड के दुरुपयोग के कारण हटाया गया था। ईमेल में मेहता के कार्यकाल के दौरान नेटफ्लिक्सि की गतिविधियों से जुड़े दस्तावेज की मांग भी की गई है। एफआरआरओ भारत की खुफिया ब्यूरो के साथ निकटता से काम करता है।