देश के दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एक चिट्ठी साझा की। यह चिट्ठी रतन टाटा ने 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने भारत में आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने में नरसिम्हा राव की उपलब्धि के प्रति सम्मान व्यक्त किया। साल 1996 में भारत की अर्थव्यवस्था का चेहरा बदलने और इसे सुधार के रास्ते पर ले जाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भारतीय आर्थिक सुधारों का जनक भी कहा जाता है। भारत को वैश्विक समुदाय का हिस्सा बनाने के लिए पूर्व पीएम की सराहना करते हुए रतन टाटा ने लिखा, “प्रत्येक भारतीय आपका कर्जदार है।” इस चिट्ठी में भारत की प्रगति के लिए रतन टाटा की अटूट प्रतिबद्धता दिखती है। हर्ष गोयनका ने इस चिट्ठी को साझा करते हुए कहा, “एक खूबसूरत इंसान की सुंदर लिखावट।”
रतन टाटा ने इस चिट्ठी में आगे लिखा, “मुझे लगता है कि आपकी (नरसिम्हा राव) उपलब्धियां महत्वपूर्ण हैं और उन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। इस चिट्ठी का उद्देश्य केवल आपको यह बताना है कि मेरे विचार और शुभकामनाएं हमेशा आपके साथ हैं। आपके पास एक व्यक्ति ऐसा हो सकता है जो आपके काम को न कभी भूला है और न कभी भूलेगा।” हालांकि, इस चिट्ठी को स्पष्ट रूप से व्यक्तिगत बताया गया है। इसे 27 अगस्त 1996 को टाटा समूह के मुख्य कार्यालय बॉम्बे हाउस के एक कागज पर लिखा गया था।
पिछले हफ्ते हुआ था निधन
बता दें कि पिछले हफ्ते नौ अक्तूबर को देश के मशहूर उद्दोगपति रतन टाटा का निधन हो गया था। उम्र से जुड़ी बीमारी के बाद 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। वे दो दिन पहले ही स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे। बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद डॉक्टरों की टीम तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें नहीं बचाने में कामयाब नहीं हो सकी। बता दें कि निधन से एक दिन पहले भी टाटा के आईसीयू में भर्ती होने के दावे किए गए थे, लेकिन खुद टाटा ने इसका खंडन कर दिया था। रतन टाटा अपनी सादगी और सरल स्वभाव की वजह से जाने जाते थे। उदारीकरण के दौर के बाद टाटा समूह आज जिस ऊंचाइयों पर है, उसे यहां तक पहुंचाने में रतन टाटा बहुत बड़ा योगदान है। टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937