झारखंड में शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। राज्य के कई हिस्सों में सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर धरती कांपी। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 मापी गई। इसका केंद्र खूंटी बताया गया। भूकंप के झटके राजधानी रांची, जमशेदपुर और चाईबासा में भी महसूस किए गए। इससे डरे सहमे लोग घरों से बाहर आ गए। फिलहाल किसी तरह के कोई नुकसान की खबर नहीं है।

    क्यों आता है भूकंप?
    पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

    जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
    भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

    कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
    भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

    कितनी तबाही लाता है भूकंप?

    रिक्टर स्केलअसर
    0 से 1.9सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
    2 से 2.9हल्का कंपन
    3 से 3.9कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर
    4 से 4.9खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
    5 से 5.9फर्नीचर हिल सकता है।
    6 से 6.9इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
    7 से 7.9इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
    8 से 8.9इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं। सुनामी का खतरा।
    9 और उससे ज्यादापूरी तबाही, कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी।