पंजाब सरकार ने पिछले वर्ष प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक पॉलिसी जारी की थी। बावजूद इसके लोग ई-वाहनों को लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। राज्य में अगर कुल 100 वाहन बिक रहे हैं, तो उनमें इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या सिर्फ छह है, जबकि पेट्रोल व डीजल वाहनों की बंपर बिक्री जारी है। चंडीगढ़ प्रशासन की ई-वाहनों की बिक्री को लेकर तैयारी की गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से अक्तूबर 2024 तक 3.57 लाख गैर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है, जबकि इस अवधि के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों के बिक्री की संख्या सिर्फ 24,770 है। इस तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का प्रतिशत सिर्फ 6.47 प्रतिशत रहा।
फेस्टिवल सीजन के दौरान भी गैर इलेक्ट्रिक वाहनों की बंपर बिक्री हुई है। अगस्त से अक्तूबर तक त्योहारी सीजन था। अक्तूबर में सबसे अधिक 61,351 गैर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या सिर्फ 4467 थी। इसी तरह सितंबर में 43,478 गैर इलेक्ट्रिक व 3679 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई। अगस्त में भी 57,876 गैर इलेक्ट्रिक वाहनों को लेने में लोगों ने रूचि दिखाई। इस दौरान 3769 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दर्ज की गई।
पेट्रोल व डीजल वाहनों की अधिक बिक्री ने राज्य सरकारों के प्रयासों को झटका दिया है, क्योंकि पिछले साल ही प्रदेश सरकार की तरफ से पंजाब इलेक्ट्रिक नीति जारी की गई थी। प्रशासन के कई शहर वाहनों की बढ़ती संख्या के चलते प्रदूषण से बुरी तरह से प्रभावित हैं। सरकार की तरफ से जालंधर, लुधियाना, अमृतसर और पटियाला में ई-बसें चलाने पर काम किया जा रहा है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ मिलकर इस परियोजना पर काम किया जा रहा है, ताकि बढ़ते ट्रैफिक में डीजल बसों से होने वाले प्रदूषण से कुछ राहत मिल सके।50 करोड़ इन्सेंटिव किया गया था शामिल
राज्य सरकार की तरफ से फरवरी 2023 में इलेक्ट्रिक पॉलिसी जारी की गई थी। इसका मकसद ई-वाहनों को बढ़ावा देने के साथ ही इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने, इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने, निर्माता इकाइयों को प्रदेश में आकर्षित करना था। तीन साल के लिए जारी की गई पॉलिसी में दोपहिया वाहनों के लिए 50 करोड़ रुपये से अधिक इन्सेंटिव जारी करने की योजना थी। इसके अलावा तीन पहिया और ई-साइकिल समेत अन्य वर्ग के लिए भी अलग-अलग इन्सेंटिव तय किया गया था। हर साल नीति की समीक्षा करने का फैसला लिया गया था। अभी तक प्रदेश में ई-वाहनों को अधिक बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है और पॉलिसी को दो साल भी होने जा रहे हैं, इसे ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द ही पॉलिसी की समीक्षा कर सकती है।
पंजाब के ये 9 शहर सबसे प्रदूषित
प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण केंद्र ने प्रदेश के 9 शहरों को सबसे अधिक प्रदूषित (गैर प्राप्ति शहर) शहरों की सूची में शामिल किया हुआ है। इनमें डेराबस्सी, गोबिंदगढ़, जालंधर, खन्ना, लुधियाना, नया नंगल, पठानकोट, पटियाला और अमृतसर शामिल हैं।