दुनियाभर के देशों में यातायात जाम एक बड़ी समस्या बन गया है, लेकिन अब अंतरिक्ष भी इस समस्या से अछूता नहीं रह गया है। दरअसल पृथ्वी की निचली कक्षा में हजारों की संख्या में विभिन्न देशों के उपग्रह चक्कर लगा रहे हैं, साथ ही करोड़ों की संख्या में उपग्रहों का मलबा लगातार घूम रहा है, जिससे अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए खतरा पैदा हो गया है। अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने हालात पर चिंता जाहिर की है और इस समस्या के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की अपील की है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों की बढ़ती संख्या पर ध्यान न दिया गया तो यह अहम क्षेत्र अनुपयोगी हो सकता है।
हजारों उपग्रहों और उपग्रहों के मलबे से अंतरिक्ष में यातायात जाम के हालात
रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में 14 हजार से ज्यादा विभिन्न उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा कर रहे हैं, जिनमें से करीब 3500 निष्क्रिय हैं। साथ ही पिछले प्रक्षेपणों और उपग्रहों के टकराव से पैदा हुए मलबे से हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पृथ्वी की निचली कक्षा में उपग्रहों के मलबे के 12 करोड़ टुकड़े पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। अक्तूबर के अंत में संयुक्त राष्ट्र के अंतरिक्ष यातायात समन्वय पैनल ने एलईओ (लो अर्थ ऑर्बिट-पृथ्वी की निचली कक्षा) के का व्यापक डेटाबेस तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया है।
उपग्रहों के संचालक देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की जरूरत
पैनल की सह-अध्यक्ष और बाहरी अंतरिक्ष मामलों की निदेशक आरती होला मैनी का कहना है कि अंतरिक्ष यातायात समन्वय पर तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है और इसमें समय बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए। उपग्रहों के बीच टकराव से बचने के लिए ऑपरेटर देशों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान करने की जरूरत है। गौरतलब है कि वैश्विक संचार, नेविगेशन सिस्टम और वैज्ञानिक रिसर्च के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा की सुरक्षा करना बेहद जरूरी है। उपग्रहों के टकराव को रोकने के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली स्थापित करने की जरूरत बताई गई है। हालांकि इसमें चुनौती ये है कि कुछ देश को डेटा साझा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कई देश सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते डेटा साझा करने से हिचकिचा रहे हैं। पृथ्वी की परिक्रमा कर रहीं कई सैटेलाइट नागरिक के साथ ही सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लॉन्च की गई हैं और इस वजह से ही सैटेलाइट्स का डेटा साझा करने के लिए कई देश तैयार नहीं हैं।
निजी कमर्शियल सैटेलाइट के लॉन्च ने बिगाड़े हालात
हाल के समय में कई उपग्रहों के टकराने से जोखिम बढ़ा है। अगस्त में एक चीनी रॉकेट में विस्फोट हो गया था, जिससे उसका मलबा पृथ्वी की कक्षा में बिखर गया। इसी तरह जून में भी रूस के एक निष्क्रिय सैटेलाइट में विस्फोट होने से उसका मलबा अंतरिक्ष में फैल गया और इसके चलते अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्रियों की जान पर बन आई थी। अब जैसे जैसे वाणिज्यिक स्तर पर सैटेलाइट्स लॉन्च की जा रही हैं, उसने हालात को और बिगाड़ दिया है। एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक हजारों उपग्रह लॉन्च कर रही है, जिससे अंतरिक्ष में टकराव की आशंका बढ़ी है। अनुमान के अनुसार, आने वाले वर्षों में कई हजार उपग्रह लॉन्च हो सकते हैं, जिससे उपग्रहों की टक्कर के चलते अरबों डॉलर के नुकसान की आशंका है।