यह सजा सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम को माफी दिलाने, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और सिख युवाओं की हत्या करवाने वाले पुलिस अधिकारियों को उच्च पदों पर आसीन करने समेत कई पंथक गलतियों के लिए सुनाई गई।
गले में डाली गई थी तख्तियां
जत्थेदार रघबीर सिंह की ओर से धार्मिक सजा सुनाने के तुरंत बाद सुखबीर बादल समेत सभी दोषी अकाली नेताओं के गले में तख्तियां डाली गईं। इन तख्तियों पर गुरबाणी की पंक्तियां अंकित हैं- निरवैर पुरख सतगुरु प्रभ दाते, हम अपराधी तुम बख्शाते, जिस पापी को मिले ना ढोई, शरण आवे ता निर्मल होई।। इसमें परमात्मा को संबोधित करते हुए कहा गया है कि हे वाहेगुरु हम अपराधी हैं और तुम बख्शने वाले हो। हम जैसे जिस भी पापी को कोई शरण आसरा सहारा नहीं मिलता है, वह अगर तेरी शरण में आ जाता है, तो वह पवित्र पावन हो जाता है।वहीं पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा भी श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दी गई धार्मिक सजा के बाद गले में तख्ती और हाथ में भाला लेकर स्वर्ण मंदिर पहुंचे। उन्हें सजा में स्वर्ण मंदिर में ‘सेवादार’ के रूप में काम करने और बर्तन और जूते साफ करने का निर्देश मिला है।