खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में तेज गिरावट आई है। जनवरी में यह घटकर 5.88 प्रतिशत रह गई, जो दिसंबर, 2024 में 8.47 प्रतिशत थी। इसी दौरान सब्जियों की महंगाई में भी भारी गिरावट रही और यह घटकर 8.35 प्रतिशत रही। दिसंबर, 2024 में यह 28.65 प्रतिशत थी। इस वजह से जनवरी में थोक महंगाई की दर घटकर 2.31 फीसदी पर आ गई।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आलू की महंगाई 74.28 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही। प्याज की महंगाई जनवरी में बढ़कर 28.33 प्रतिशत हो गई।

    उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें हो सकती हैं प्रभावित
    ईंधन तथा बिजली श्रेणी में जनवरी में मुद्रास्फीति 2.78 प्रतिशत घटी जबकि दिसंबर में 3.79 प्रतिशत थी। विनिर्मित वस्तुओं में मुद्रास्फीति दिसंबर, 2024 के 2.14 प्रतिशत की तुलना में जनवरी 2025 में 2.51 प्रतिशत हो गई। इससे पता चलता है कि उत्पादन लागत में कुछ बढ़ोतरी हुई है, जो संभावित रूप से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों को आने वाले समय में प्रभावित कर सकती है।

    ऊर्जा की लागत में आएगी नरमी
    ईंधन और बिजली श्रेणी में राहत से ऊर्जा लागत में थोड़ी नरमी आने की संभावना है, जो उद्योगों और आम जनता के लिए राहत वाली खबर है। अंडा, मांस और मछली श्रेणी में मुद्रास्फीति दिसंबर के 5.43 प्रतिशत से घटकर 3.56 प्रतिशत रह गई।

    खुदरा महंगाई में भी आई थी गिरावट
    इससे पहले, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 4.31 प्रतिशत हो गई थी। इससे यह संकेत मिलता है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता आ रही है। इक्रा के वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा, हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 में थोक मुद्रास्फीति औसतन 2.4 प्रतिशत रहेगी और वित्त वर्ष 2025-26 में तीन प्रतिशत तक रहेगी।