जालंधर : सिविल अस्पताल में 14 वर्षीया एक बच्ची जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। बच्ची दुष्कर्म पीड़ित है और आरोपी पक्ष द्वारा बच्ची का गर्भपात करवाए जाने के कारण ज्यादा खून बह जाने के कारण बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है। दुष्कर्म से संबंधित घटना तहसील नकोदर के एक गांव में हई है और 8वीं कक्षा में पढऩे वाली बच्ची से दुष्कर्म किसी और ने नहीं बल्कि उसके चाचा द्वारा किया गया है। इस संबंध में पुलिस द्वारा एफ.आई.आर. तो दर्ज की गई है लेकिन उसके बाद अगली कार्रवाई न के बराबर है, जिस कारण गांववासी आक्रोश में हैं।
बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है घर वालों को इसका पता तब चला जब बच्ची का पेट बाहर आने लगा और परिजनों को द्वारा पूछे जाने पर बच्ची ने सारी कहानी बताई। परिजनों ने एक दिसंबर को थाना सदर नकोदर में आरोपी चाचा के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया लेकिन हैरानी की बात है कि बच्ची के परिजनों को डरा-धमका कर लड़की को अमृतसर ले जाकर उसका अबॉर्शन तक करवा दिया। अबॉर्शन होने पर काफी खून बह जाने के कारण आरोपी पक्ष उसे बीच रास्ते में ही छोड़ कर चला गया जिसे अब जालंधर के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। गांव वाले अब एकजुट होकर बच्ची के साथ हुए घिनौने अपराध को लेकर इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। गांव वासियों का कहना है कि पुलिस ने अभी तक बच्ची का मैडीकल तक नहीं करवाया, जबकि आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। बच्ची के परिजनों ने बताया कि उनकी 14 साल की बेटी 8वीं कक्षा की छात्रा है। मां लोगों के घरों में काम करती है। जून 2023 में उनकी बेटी को स्कूल से काम मिला था, जिसके लिए उसने अपने चाचा से मदद मांगी तो उसके चाचा ने उसे अपने घर बुला लिया।
घर कोई नहीं था, जिसका फायदा उठा कर आरोपी उसे कमरे में ले गया और दुष्कर्म के बाद आरोपी ने बच्ची को डराया-धमकाया कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो वह उन सबको मार देगा। ऐसे में बच्ची चुप रही लेकिन अब जब बच्ची 5 माह की गर्भवती हुई तो उसके परजिनों ने डॉक्टरों को दिखाया। बच्ची को समझाने के बाद घर वालों ने पूछा तो उसने सब कुछ बता दिया। गांव में शोर मचने पर आरोपी चाचा अंडरग्राऊंड हो गया। गांव वाले बच्ची को लेकर थाने गए तो पुलिस ने बच्ची के बयानों पर आरोपी के खिलाफ 376, 506 और पोस्को एक्ट के अधीन केस दर्ज कर लिया। आरोप है कि एक दिसंबर को एफ.आई.आर. हुई और 7 दिसंबर को आरोपी पक्ष बच्ची को डरा-धमका कर अपने साथ कहीं ले गए जहां बच्ची का गर्भपात करवा दिया गया। बच्ची को नाजुक हालत में आरोपी पक्ष के लोग बीच रास्ते में ही छोड़ कर चले गए। जैसे ही गांव वालों को पता लगा तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी लेकिन आरोप है कि थाना सदर नकोदर की पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज होने के बाद भी बच्ची का मैडीकल तक नहीं करवाया। गर्भपात होने पर बच्ची का काफी खून बह चुका था जिसके चलते उसकी हालत काफी नाजुक हो गई। गांव वाले पहले तो उसे नकोदर के सिविल अस्पताल ले गए जहां से रैफर करके उसे जालंधर के सिविल अस्पताल दाखिल करवाया गया। गांव वालों व पीड़ित मां-बाप ने मांग की कि बच्ची को इंसाफ दिलाया जाए व आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।