गुजरात के पोरबंदर में हाल ही में हुई दुर्घटना के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने सभी 330 एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टरों की उड़ान को रोक दिया है। एचएएल ने इस दुर्घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और उसकी टीमें पोरबंदर में हेलिकॉप्टर के मलबे का विश्लेषण कर रही हैं। पिछले कुछ महीनों में यह दूसरी बार है जब एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों की उड़ान को रद्द किया गया है.

    शनिवार तक आ जाएगा फैसला
    वहीं मामले में रक्षा सूत्रों ने बताया कि शनिवार तक यह निर्णय लिया जाएगा कि स्वदेशी हेलिकॉप्टर बेड़ा फिर से उड़ान भरने के लिए तैयार होगा या फिर एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टरों की उड़ान पर रोक जारी रखा जाएगा। बता दें कि पोरबंदर में 5 जनवरी को हुए दुर्घटना में भारतीय तटरक्षक बल का एक हेलिकॉप्टर नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें तीनों कर्मियों की मौत हो गई थी।

    हेलिकॉप्टर के डिजाइन पर सवाल
    मामले में एचएएल की सूत्रों ने बताया कि हेलिकॉप्टर का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर बरामद कर लिया गया है और इसका विश्लेषण किया जा रहा है, जिससे दुर्घटना के सटीक कारण का पता चल सके। दरअसल एचएएल ने एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर के डिजाइन की समीक्षा भारतीय और अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन एजेंसियों से करवाई थी और यह कहा गया कि हेलिकॉप्टर का डिजाइन सही है।इसके अलावा, एचएएल ने भारतीय तटरक्षक बल के हेलिकॉप्टरों के रखरखाव को बेहतर बनाने के लिए एक समिति भी बनाई थी, जिसका नेतृत्व सेवानिवृत्त एयर मार्शल विभास पांडे कर रहे हैं।

    हेलिकॉप्टरों के कुछ हिस्सों में होगा बदवाल 
    एचएएल ने तटरक्षक बल के साथ एक पांच साल का प्रदर्शन-आधारित समझौता भी किया है और हेलिकॉप्टरों के कुछ हिस्सों को बदलने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। हेलिकॉप्टरों के नियंत्रण छड़ों को स्टील से सुसज्जित किया गया है ताकि दुर्घटनाओं के कारणों को दूर किया जा सके। एचएएल ने फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान के साथ भी इंजन की समीक्षा की है, जो इन हेलिकॉप्टरों के इंजन का निर्माण करती है।