पंजाब के लुधियाना के गांव मोही में हड्डारोडी के खूंखार कुत्तों ने बच्चे को नोच डाला। कुत्तों के झुंड ने नौ साल के बच्चे पर हमला कर दिया और उसे बुरी तरह से नोच दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। बच्चा संजीव बिहार से यहां अपनी दादा-दादी को मिलने आया था।कुत्तों के हमले से जख्मी संजीव के दादा शंकर शाह जब तक उसे मुल्लांपुर अस्पताल पहुंचे तो बच्चे की मौत हो चुकी थी। कुत्ते मासूम संजीव की गर्दन, कान और शरीर के कई हिस्सों को चबा गए थे। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मासूम संजीव कुछ दिन पहले ही बिहार से पंजाब अपने दादा-दादी से मिलने आया था।
बच्चे के दादा शंकर शाह ने बताया कि वो अपनी पत्नी चंदा देवी के साथ एक साल पहले बिहार से पंजाब मजदूरी करने आए थे। वो बिहार पश्चिमी चंपारण जिला बेतिया के गांव खशुवार के रहने वाले हैं। संजीव शाह अपने पिता मुकेश शाह और मां किशनावती देवी के साथ बिहार में ही रहता था। संजीव के पिता मुकेश शाह की कुछ समय पहले मौत हो गई थी। मासूम संजीव दादा-दादी को मिलने की जिद्द कर रहा था। इसलिए कुछ दिन पहले रिश्तेदारों के साथ लुधियाना आ गया।
सोमवार की दोपहर वह किसान सरबजीत सिंह धक्कड़ के आलू बोरियों में भरने का काम कर रहे थे। उनका पोता संजीव खेलते हुए पास में गेहूं के खेतों में चला गया जहां हड्डारोडी के आवारा कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। आसपास किसानों ने कुत्तों द्वारा बच्चे को घसीटते देख शोर मचाया तो लोग घटनास्थल की तरफ दौड़े।बचाने के शख्स पर भी टूट पड़े खूंखार कुत्ते
चश्मदीद मजदूर काशी ने बताया कि कुत्तों के जबड़े से संजीव को छुड़ाने की कोशिश की तो कुत्ते उसपर भी टूट पड़े, उसने भाग कर अपनी जान बचाई। देखते देखते 5-6 कुत्तों का झुंड संजीव को जगह जगह से नोचता रहा लेकिन वो कुछ नहीं कर सका। जब तक लोगों ने मिलकर संजीव को कुत्तों से छुड़ाया उसके कान, गर्दन और शरीर के कई हिस्सों को कुत्ते खा चुके थे। देर शाम गांव मोही के रुड़का रोड स्थित श्मशानघाट में मासूम संजीव को जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में दफना दिया गया।
दादी हुई बेहोश, दादा के नहीं रुक रहे आंसू
बच्चे की दादी अपने पोते की मौत से सदमे में हैं। श्मशानघाट में मासूम संजीव की दादी चंदा देवी को कई बार दौरे पड़ते रहे और बार बार बेहोश होकर गिरती रही। चंदा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। दादा शंकर शाह के भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे है। गांव के सरपंच तारा सिंह समेत अन्य गांव वासियों और मजदूर परिवारों ने मृतक संजीव शाह के परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग की है। गांव वासियों ने बताया कि इस से पहले भी खूंखार आवारा कुत्ते गांव और आसपास सुनसान सड़कों पर लोगों पर हमले कर चुके हैं। बावजूद प्रशासन आंखे मूंद कुंभकरण की नींद सो रहा है।
दो महीने में कुत्तों के हमले से तीसरी मौत
गौरतलब है कि दो महीने पहले मोही के समीप गांव हसनपुर में आवारा खूंखार हड्डारोड़ी के कुत्ते मासूम हरसुखप्रीत (11) और अर्जुन (11) को नोच कर मार चुके हैं। 2 दर्जन के करीब लोग इनके हमले में गंभीर जख्मी होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। इसके अलावा हसनपुर के किसान हरमिंदर सिंह बबलू के घर में दो बार घुसकर कुत्ते उनके दुधारू पशुओं के दो बछड़े खा गए।