दक्षिण दिल्ली के तिगड़ी थाना क्षेत्र के देवली में बेकाबू हुई गाय ने गुरुवार को एक व्यक्ति पर हमला कर दिया। गाय ने पैरों से व्यक्ति को कई बार रौंदा। अस्पताल में इलाज के दौरान सुभाष झा (42) ने दम तोड़ दिया। सुभाष अपने छोटे बेटे को स्कूल बस तक छोड़ने गए थे। सात वर्षीय मासूम बेट ने पिता को खूब बचाने की कोशिश की, मगर वह देखता रह गया। दिल दहला देने वाली इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर सुबह से ही वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मासूम बेटा व लोग सुभाष को गाय से बचाते दिख रहे हैं। मगर वह कुछ नहीं कर सके।

    दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि देवली, खानपुर में रहने वाले सुभाष झा फाइनेंसर का काम करते थे। मूलरूप से बिहार के रहने वाली सुभाष के 13 व सात वर्ष के दो बेटे हैं। वर्ष 2000 से देवली इलाके में रह रहे थे। सुभाष के भाई मनोरंजन झा ने बताया कि नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे उसके बड़े भतीजे की परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में छोटा भतीजा ही स्कूल जा रहा है। उनका भाई सुभाष छोटे बेटे को बस स्टैंड पर बस तक छोड़ने गए थे। जब वह बेटे के साथ जसपाल मार्ट के पास स्कूल बस का इंतजार कर रहे तभी एक गाय ने सुभाष पर हमला कर दिया।
    सुभाष बचने के लिए भागने लगे, मगर गाय ने पीछे दौड़ कर सुभाष को नीचे गिरा लिया और फिर पैरों से कुचलना शुरू कर दिया। बेटे ने अपने पिता को बचाने की कोशिश की। बेटे को देखकर कई लोग सुभाष को बचाने आए। उनके पास लाठी व डंडा आदि नहीं होने से वह गाय को नहीं भागा। डंडा लेकर आए एक युवक ने डंडा मारकर गाय को भगाया और सुभाष को अपनी ओर खींचा। इसके बाद कुछ सेकेंड बाद गाय ने फिर सुभाष पर हमला कर दिया।
    पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंपा
    मौके पर मौजूद लोग घायलावस्था में ऑटो से बत्रा अस्पताल ले गए, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। अस्पताल से मामले की सूचना पुलिस को दी गई। तिगड़ी थाना पुलिस अस्पताल पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर सुभाष के शव को शुक्रवार को परिजनों को सौंप दिया है।

    बेटा पिता को बचाने की गुहार लगाता रहा

    मनोरंजन झा ने बताया कि जब गाय उनके भाई को मार रही थी तब उनका भतीजा लोगों से मदद की गुहार लगा रहा था। वह खुद भी गाय को भागने का प्रयास कर रहा था। बच्चे को देखकर वहां खड़े लोग आगे आए और उन्होंने गाय को भागने की कोशिश की। मगर, गाय ने सुभाष को नहीं छोड़ा। वहां पर किसी के पास लाठी-डंडा आदि नहीं था। गाय सुभाष को तब तक मारती रहीं, जब तक सुभाष बेसुध नहीं हो गया।
    यहां पर डेयरियां खुली हुई हैं
    जहां हादसा हुआ है वहां से कुछ दूरी पर चिराग दिल्ली नाले के पास डेयरी चलती हैं। फिलहाल नाले के पास करीब 10 से 15 डेयरी खोली हुई हैं। यह सभी अवैध हैं, बावजूद इसके नगर निगम अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। जब निगम कार्रवाई करती है तो ये डेयरियां बंद हो जाती हैं। कुछ समय बाद फिर खुल जाती हैं।

    पालतू गाय बताई जा रही है
    शुरूआती जांच में पता चला की यह कोई आवारा गाय नहीं थी बल्कि किसी की पालतू गाय है। लोग अपनी गायों को यूं ही सड़क पर छोड़ देते हैं और शाम के वक्त अपने मुनाफे के लिए दूध निकालकर फिर अगले दिन आवारा छोड़ देते हैं। इन आवारा घूमने वाली गायों से लोग काफी परेशान हैं।