ISRO ने सुबह 10 बजे गगनयान मिशन के टेस्ट व्हीकल को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया। इससे पहले खराब मौसम के चलते आज ट्रायल को रोक दिया था। इसे टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 (TV-D1) नाम दिया गया है। बता दें कि यह मिशन, रॉकेट में गड़बड़ी होने पर अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को पृथ्वी पर सुरक्षित लाने वाले सिस्टम की टेस्टिंग के लिए हो रहा है।
टेस्ट फ्लाइट में तीन हिस्से हैं- अबॉर्ट मिशन के लिए बनाया सिंगल स्टेज लिक्विड रॉकेट, क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम। क्रू मॉड्यूल के अंदर का वातावरण अभी वैसा नहीं होगा जैसा मैन्ड मिशन में होगा। इस मिशन में 17 Km ऊपर जाने के बाद श्रीहरिकोटा से 10 Km दूर समुद्र में क्रू मॉड्यूल को उतारा जाएगा। फिर नेवी इसे आगे फाॅलो करेगी ।
मिशन नियंत्रण केंद्र ने भी यह घोषणा की। समय में बदलाव किए जाने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन सूत्रों ने कहा है कि बारिश और बादल छाए रहने के कारण ऐसा किया गया होगा। समय में बदलाव की घोषणा के तुरंत बाद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मॉनिटर पर प्रदर्शित उल्टी गिनती कर रही घड़ी को हटा दिया गया। शुक्रवार शाम सात बजे से 13 घंटे की उल्टी गिनती शुरू की गई थी।
इसरो एकल-चरण तरल प्रणोदक वाले रॉकेट के इस प्रक्षेपण के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘गगनयान’ की दिशा में आगे बढ़ेगा। इस दौरान, प्रथम ‘कू मॉड्यूल’ के जरिये अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का परीक्षण किया जाएगा। इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।