पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने रविवार को उस समय यू-टर्न ले लिया जब उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में कहा कि वह पंजाब के विधानसभा सत्र में पारित सभी बिलों की जांच करेंगे। इससे पहले राज्यपाल ने पंजाब सरकार द्वारा बुलाए गए सत्र को अवैध करार दिया था। यह दावा किया है आम आदमी पार्टी पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मालविंद्र सिंह कंग ने।
कंग ने राज्यपाल के ताजा पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही विधानसभा में कह चुके हैं कि पंजाब सरकार द्वारा बुलाए गए सत्र को लेकर राज्यपाल द्वारा दी गई चुनौतियां सर्वोच्च न्यायालय में एक मिनट भी नहीं टिकेंगी। मान ने 20 अक्तूबर को विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि सरकार राज्यपाल के पत्र को 30 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी और 29 अक्तूबर को राज्यपाल ने यह यू-टर्न ले लिया और कहा कि वह सभी बिलों की जांच करेंगे।
‘आप’ ने कहा कि यह पत्र इस बात का सबूत है कि राज्यपाल सिर्फ एक सत्र की कार्रवाई और पंजाब में ‘आप’ सरकार के कार्यों में बाधा डालना चाहते थे। पंजाब सरकार ने इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की थी और फिर राज्यपाल ने पहले ही यू-टर्न ले लिया। ‘आप’ पंजाब ने कहा कि विधानसभा सत्र में बाधा पैदा करना और सरकार को लोगों के कल्याण के लिए काम नहीं करने देना राज्य के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। ‘आप’ ने मांग की कि विपक्षी नेताओं को भी पंजाब के लोगों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि सत्र को वे लोग भी अवैध बता रहे थे और विधानसभा की कार्रवाई नहीं चलने दे रहे थे।