युवा पीढ़ी को गुरसिखी से जोड़ने व इतिहास से परिचित करवाना समय की जरूरत: हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह काहलों
नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नेे माता गुजर कौर जी व छोटे साहिबज़ादों बाबा ज़ोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह का शहीदी दिवस पूर्ण श्रद्धा व आदरपूर्वक मनाया। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने माता गुजर कौर व छोटे साहिबजादे का शहीदी दिवस श्रद्धा व सम्मान के साथ मनाया। इस दौरान मुख्य कार्यक्रम गुरुद्वारा माता सुंदरी जी में आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मत्था टेका और शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी ने पंथ के लिए अपना पूरा वंश कुर्बान कर दिया। गुरु तेग बहादुर साहिब जी से शहादत का सफर शुरु हुआ तथा चार साहिबजादों की शहादत तक जारी रहा। साहिबज़ादों की शहादत के बाद गुरु साहिब ने कहा कि भले ही उन्होंने चार बेटों को कुर्बान कर दिया मगर उनके हज़ारों बेटे अभी भी जीवित हैं। माता गुजर कौर जी व छोटे और बड़े साहिबजादों का शहीदी दिवस सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। समूची कौम को इस बात पर गर्व है कि हम इन शहीदों के वंशज हैं और हमें अपने कौम और संप्रदाय के लिए शहादत देने में सदैव गर्व महसूस होता है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम अपने बच्चों को इतिहास के बारे में नहीं बता सके,यदि हम बच्चों को गुर इतिहास से जोड़ते तो हमारी युवा पीढ़ी सिखी से कभी दूर नहीं जाती। उन्होंने सभी माताओं से अनुरोध करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को गुरु इतिहास से जोड़ें।