हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड नाम की संस्था के अध्यक्ष अशोक पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल रामसेतु पर दीवार बनाने का आदेश देने की मांग की है, ताकि करोड़ों लोग जाकर रामसेतु का दर्शन कर पाएं.

    राम सेतु पर दीवार बनाने का निर्देश देने की मांग को सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की गई. हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड नाम की संस्था के अध्यक्ष अशोक पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है. याचिका में समुद्र में कुछ मीटर और अगर संभव हो तो एक किलोमीटर तक राम सेतु पर दीवार बनाने का निर्देश देने की मांग की है. याचिका में कहा कि हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड नामके संस्था हिंदुओं के व्यक्तिगत कानून और धार्मिक अधिकार के संरक्षण का काम करती है.

    याचिका में कहा कि पुल को आम तौर पर श्री राम सेतु के नाम से जाना जाता है, सेतु के दर्शन से ही मोक्ष की गारंटी मिलती है. याचिका में कहा कि मौजूदा भारत सरकार राम राज लाने के एजेंडे पर काम करने का दावा करती है वह तब-तक संभव नहीं है जब तक कि कोई दीवार खड़ी करके राम सेतु के दर्शन का प्रबंधन न किया जाए

    याचिका में कहा कि 2004 से 2014 के दौरान देश की सरकार के राजनीतिक पार्टी नेता इतने राष्ट्र-विरोधी और हिंदू-विरोधी थे कि श्री राम सेतु को खत्म करने के काम के लिए ड्रेजिंग मशीन को हरी झंडी दे दिया था.

    रामसेतु पर दीवार बनाने की याचिका

    याचिका में यह भी कहा गया है कि रामसेतु पर दीवार बनाए जाने से देश के करोड़ों राम भक्तों की इच्छा पूरी होगी. इसमें कहा गया है कि यदि दीवार बनाने की अनुमति दे दी जाती है, तो वे उस ऐतिहासिक और पौराणिक पुल पर चल पाएंगे, जिस पर भगवान राम अपनी वानरी सेना के साथ लंका गए गए थे. राम ने वहां जाकर जाकर रावण को मारकर राम राज की स्थापना की थी.

    याचिका में यह कहा गया है कि इसमें तर्क दिया गया है कि रामसेतु के दर्शन का प्रबंध सरकार नहीं कर रही है. इस तरह से संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन सरकार कर रही है.

    रामसेतु हिंदुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसका जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका में कहा गया है कि रामसेतु में स्नान के महत्व को स्कंध पुराण, अग्नि पुराण, रामायण, विष्णु पुराण आदि ग्रंथों में विस्तार वर्णित किया गया है.

    दुनिया भर के लोग कर पाएंगे दर्शन

    याचिका में कहा गया है कि रामसेतु पर दीवार का निर्माण करना संभव है, क्योंकि रामसेतु पर शुरू से अंत तक केवल 4 से 40 फीट ही जल है. रामसेतु पर दीवार बन जाने से दुनिया भर के लोग पुल के दर्शन के लिए धनुषकोटि रामेश्वरम जा सकेंगे.

    बता दें कि बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद सु्ब्रमण्यम स्वामी ने रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की मांग वाली सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

    इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से रामसेतु पर जवाब मांगा था. तब केंद्र सरकार का कहना था कि रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने की प्रक्रिया संस्कृति मंत्रालय में चल रही है.