सेफ सिटी प्रोजेक्ट को पांच चरणों में कवर किया जाएगा और प्रारंभिक चरण फेस-1 लॉन्च किया गया है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि इन क्षेत्रों में यातायात को सुव्यवस्थित करने और भीड़-भाड़ को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिसके लिए आने वाले दिनों में एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा।
जालंधर में अपराध से निपटने और लोगों की सुविधा के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने सेफ सिटी प्रोजेक्ट का पहला चरण शुरू कर दिया है। पुलिस कमिश्नरेट जालंधर स्वप्न शर्मा ने कहा कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अपराध, वाहन यातायात और पैदल चलने वालों की विस्तृत मैपिंग के बाद यह परियोजना शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि यातायात प्रबंधन, आवागमन समय में सुधार और छोटे अपराधों को रोकने के लिए शहर में 17 नो टॉलरेंस जोन, 21 पैदल यात्री क्षेत्र और चार वन वे की पहचान की गई है। ट्रैफिक पुलिस और पीसीआर को एकीकृत किया गया है और दोनों विंगों की जनशक्ति को 250 तक बढ़ा दिया गया है और पीसीआर के वाहनों में 30 फीसदी की वृद्धि की गई है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि इस योजना के तहत 44 ट्रैफिक पॉइंट की पहचान की गई है और पीसीआर हॉल्ट पॉइंट पर दोबारा काम कर उन्हें नया बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि इससे शहर में यातायात को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी और शहर में ट्रेवलिंग टाइम कम होगा, खासकर आपातकालीन सेवाओं के लिए। सीपी ने कहा कि सेफ सिटी प्रोजेक्ट को पांच चरणों में कवर किया जाएगा और प्रारंभिक चरण फेस-1 लॉन्च किया गया है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि इन क्षेत्रों में यातायात को सुव्यवस्थित करने और भीड़-भाड़ को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिसके लिए आने वाले दिनों में एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा और इसमें सड़क किनारे अनधिकृत स्टालों, अतिक्रमणों व सड़क किनारे अनधिकृत पार्किंग को हटाना शामिल है। सीपी ने इन जोनों के लिए पुलिस अधिकारियों को प्रभारी नियुक्त किया है जो यातायात को सुचारू रूप से चलाने और यातायात नियमों को लागू करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी, साथ ही लोगों से इस अभियान को सफल बनाने के लिए कमिश्नरेट पुलिस के साथ सहयोग करने की अपील की।