अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति लागू होने के बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में हलचल मच गई है। इस फैसले का सीधा असर कार निर्माताओं पर पड़ा है, और इसका जवाब देने के लिए फोर्ड ने एक बड़ी घोषणा की है।मिशिगन स्थित इस ऑटोमोबाइल कंपनी ने अपने वाहनों पर भारी छूट देने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फोर्ड की इन्वेंट्री काफी अच्छी स्थिति में है, इसलिए कंपनी ने कीमतें बढ़ाने की बजाय छूट देने का विकल्प चुना है। जबकि अन्य कंपनियां नई टैरिफ लागत को एडजस्ट (समायोजित) करने के लिए कीमतें बढ़ा रही हैं, फोर्ड अपने ग्राहकों को हजारों डॉलर तक की छूट देने जा रही है।

    आम ग्राहकों को भी कर्मचारियों वाला ऑफर
    फोर्ड अब अपने कर्मचारियों के लिए मिलने वाली विशेष छूट को आम ग्राहकों के लिए भी लागू करने जा रही है। इस नई पेशकश को “अमेरिका से, अमेरिका के लिए” प्लान कहा जा सकता है। हालांकि, फोर्ड ने इस योजना की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि यह योजना राष्ट्रपति ट्रंप के “मेक इन अमेरिका” अभियान के अनुरूप होगी।

    फोर्ड की खासियत यह है कि कंपनी अमेरिका में बिकने वाली 80 प्रतिशत गाड़ियां वहीं पर ही बनाती है। जिससे ट्रंप की टैरिफ नीति का उस पर सीमित प्रभाव पड़ा है। हालांकि, उसे फिर भी आयातित ऑटो पार्ट्स पर भारी शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। ट्रंप ने हाल ही में सभी ऑटोमोबाइल आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिससे वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग को झटका लगा।

    अमेरिका में कारों की बढ़ती कीमतें और फोर्ड का स्टॉक बढ़त में
    वैश्विक डेटा रिसर्च फर्म ग्लोबलडाटा के मुताबिक, अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा कार आयातक देश है। पिछले साल अमेरिका में बिकने वाली करीब आधी गाड़ियां विदेशों से आयात की गई थीं। बुधवार को ट्रंप ने इस टैरिफ को और बढ़ाते हुए सभी आयात पर 10 प्रतिशत का न्यूनतम शुल्क लगा दिया, जिससे कई कंपनियों के शेयर गिर गए।

    फोर्ड, जनरल मोटर्स और टेस्ला जैसी कंपनियों के शेयर इस फैसले के बाद गिरावट देखने को मिली। वहीं, अन्य अमेरिकी ऑटो कंपनियों जैसे जनरल मोटर्स और स्टेलेंटिस (क्राइसलर की मूल कंपनी) अमेरिका में बनने वाली कारों की संख्या को लगभग 50 प्रतिशत तक सीमित रखती हैं। ऐसे में, ये कंपनियां टैरिफ बढ़ने से ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं।हाल ही में, संभावित कीमतों में बढ़ोतरी की खबर सुनकर ग्राहक पहले से ज्यादा गाड़ियां खरीदने के लिए शोरूम की ओर भागे। जिससे मार्च महीने में ऑटो बिक्री में तेजी देखी गई। कॉक्स ऑटोमोटिव की रिपोर्ट के अनुसार, फोर्ड के डीलरशिप स्टॉक उद्योग औसत से बेहतर स्थिति में हैं।

    फोर्ड के पास पर्याप्त इन्वेंट्री, डिस्काउंट ऑफर आकर्षक
    फरवरी तक, फोर्ड के पास चार महीने से अधिक का वाहन स्टॉक मौजूद था, जो कि उद्योग औसत (लगभग तीन महीने) से ज्यादा है। कॉक्स की रिपोर्ट बताती है कि फोर्ड का औसत डिस्काउंट ऑफर उद्योग के औसत से कम था। यह औसत ट्रांजैक्शन कीमत का 6.7 प्रतिशत था, जबकि उद्योग का औसत 7.1 प्रतिशत यानी करीब 3,392 डॉलर (लगभग 2.88 लाख रुपये) था।