पंजाब में होने वाले ग्राम पंचायत चुनावों का शैड्यूल वीरवार को पंजाब के इलैक्शन कमिश्नर ने खुद पेश होकर हाईकोर्ट में जमा करवाना था लेकिन नोटिस जारी होने और मंगलवार को फटकार झेलने के बावजूद वह आज फिर बिना शैड्यूल लिए ही कोर्ट में हाजिर हुए और शैड्यूल जमा करवाने के लिए एक सप्ताह का समय और मांगा।
जस्टिस राजबीर सहरावत ने पंजाब सरकार के इस रवैये को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए सरकार और इलैक्शन कमिश्नर को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया। कोर्ट ने उक्त लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी वाले रवैये पर सरकार को 50,000 रुपए जुर्माना लगा दिया। साथ ही इलैक्शन कमिश्नर को चेतावनी दी है कि कोर्ट उन्हें अवमानना मामले में कन्विक्ट कर रही है और 18 दिसम्बर को सुनवाई के वक्त या तो डबल बैंच का स्टे ऑर्डर लेकर आएं या पंचायत चुनावों का शैड्यूल।
कोर्ट ने कहा कि अब अगर 18 दिसम्बर को पंजाब में होने वाले ग्राम पंचायत चुनावों का शैड्यूल कोर्ट को नहीं दिखाया गया तो इलैक्शन कमिश्नर पर कोर्ट में ही गिरफ्तारी की गाज गिर सकती है।”
याचिकाकत्र्ता जसविंद्र कौर की ओर से उनके वकील परमिंद्र सिंह सेखों द्वारा याचिका दाखिल कर ग्राम पंचायत भामा कलां जिला मानसा में उपचुनाव करवाने की याचिका दाखिल की थी। इसमें बताया गया कि वर्ष 2018 में पंजाब में हुए ग्राम पंचायत चुनावों के वक्त याची के गांव में सरपंच पद के लिए 2 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। एक ने नाम वापस ले लिया था जबकि दूसरे उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्द हो गया था, जिसके चलते वहां चुनाव ही नहीं हुआ। याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर उनकी ग्राम पंचायत के उपचुनाव करवाने की मांग की थी।