ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष सर लिंडसे हॉयल ने अपनी संसदीय प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए भारत के एआई मॉडल को अपनाने पर जोर दिया। लंदन के गिल्ड हॉल में प्रवासी समुदाय के एक सम्मेलन में स्पीकर लिंडसे हॉयल ने कहा कि भारत की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) को लेकर की गई प्रगति का ब्रिटेन की संसदीय प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। लंदन में भारतीय उच्चायोग के वार्षिक गणतंत्र दिवस समारोह में हाल ही में भारत के लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की यात्रा का जिक्र करते हुए लिंडसे हॉयल ने कहा कि उनकी यात्रा के दौरान हमें कई चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं। हमें पता चला कि भारत ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल में आगे है। हमें यह जानकर अच्छा लगा कि एआई भारत की संसद की प्रकियाओं का एक साथा 22 भाषाओं में अनुवाद करता है। इसलिए मैंने भारत के लोकसभा स्पीकर से कहा था कि हम इस मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं कि एआई ब्रिटेन की संसदीय प्रक्रियाओं को कैसे बेहतर बना सकता है।

    उन्होंने कहा कि इससे पता लगता है कि भारत कैसे शानदार तरीके से आगे बढ़ रहा है। इसलिए दो बड़ी संसदों को सहयोग जारी रखना चाहिए और अपने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक-दूसरे से सीखना चाहिए।

    सम्मेलन में लंकाशायर के चोर्ले से सांसद ने अपने निर्वाचन क्षेत्र और भारत के ऐतिहासिक संबंधों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत और लंकाशायर का संबंध कभी नहीं टूटेगा। मैं जब भी इतिहास को देखता हूं तो मुझे लगता है कि भारत और लंकाशायर के विशेष संबंध के कारण भारत के लिए मेरा प्यार हमेशा बना रहेगा। दरअसल 1931 में महात्मा गांधी ने लंकाशायर की कपड़ा मिलों का दौरा किया था।

    भारत दुनिया को दे रहा आकार
    ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव वेस स्ट्रीटिंग ने भारत के साथ की गई स्वास्थ्य और जीव विज्ञान साझेदारी की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी दोनों देशों के सहयोग को गहरा करेगी। उन्होंने कहा कि कोई संदेह नहीं है कि भारत एक वैश्विक शक्ति के तौर पर इस सदी में दुनिया और मानवता की संभावनाओं को आकार दे रहा है। यही हमारे रिश्ते में सबसे महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि 21वीं सदी में तानाशाह नहीं बल्कि लोकतंत्र पनपे।

    भारतीय उच्चायुक्त ने भी द्विपक्षीय संबंधों पर की बात
    भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी मजबूत है। भारत की वृ्द्धि और विकास न केवल यूके के लिए अपनी राष्ट्रीय संपदा को बनाए रखने के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करता है, बल्कि वास्तविक विकास का अवसर भी देता है। ब्रिटेन का वित्तीय क्षेत्र भारत के बुनियादी ढांचे, सड़कों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, रेलवे, आवास और औद्योगिक गलियारों के निर्माण में निवेश करके टिकाऊ लाभ पा सकता है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सांसद मौजूद थे। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।