अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के चलते एक और चीनी कंपनी पर बैन का खतरा मंडरा रहा है। इस बार मामला TP-Link का है, जो एक प्रमुख चीनी टेक्नोलॉजी कंपनी है और अपने राउटर प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती है। अमेरिका में TP-Link के राउटर सबसे ज्यादा घरों और छोटे बिजनेस में इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन अब सिक्योरिटी चिंताओं के चलते अमेरिकी सरकार इस कंपनी पर कठोर कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
TP-Link का अमेरिकी बाजार में दबदबा
TP-Link अमेरिकी राउटर बाजार में लगभग 65 प्रतिशत का मार्केट शेयर रखता है। कंपनी के राउटर अमेज़न पर भी सबसे ज्यादा बिकने वाले डिवाइसेस में शामिल हैं। हाल ही में ब्रांड का AX21 मॉडल अमेज़न के कंप्यूटर राउटर सेगमेंट में बेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट रहा है। इसके साथ ही, टॉप 10 बेस्ट सेलिंग राउटर की सूची में TP-Link के 6 मॉडल शामिल हैं।
हालांकि, इतनी लोकप्रियता के बावजूद TP-Link पर गंभीर आरोप लगे हैं। फेडरल एजेंसियां कंपनी के डिवाइसेस में खामियां तलाश रही हैं, जिनकी मदद से विदेशी इकाइयां साइबर अटैक कर सकती हैं।
रैंसमवेयर में हो रहा इस्तेमाल
माइक्रोसॉफ्ट की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि TP-Link के डिवाइसेस को रैंसमवेयर ऑपरेशन्स में इस्तेमाल किया गया है। यह दावा कंपनी की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स ने TP-Link के कॉम्प्रोमाइज्ड डिवाइसेस का उपयोग साइबर अटैक को अंजाम देने के लिए किया है।
इस मामले के बाद, अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स, डिफेंस और जस्टिस समेत कई फेडरल एजेंसियों ने TP-Link के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इन एजेंसियों का मानना है कि अगर कंपनी के डिवाइसेस में खामियां हैं, तो यह अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
क्या है जांच की दूसरी वजहें?
साइबर सिक्योरिटी के अलावा TP-Link की प्राइसिंग स्ट्रैटेजी भी जांच के घेरे में है। अमेरिकी न्याय विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को प्रोडक्शन कॉस्ट से भी कम कीमत पर बेच रही है। यदि ऐसा पाया गया, तो यह अमेरिकी एंट्रीट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन होगा।
कंपनी पर यह भी आरोप है कि वह अपने प्रोडक्ट्स की खामियों को सुधारने में ध्यान नहीं देती। TP-Link पर यह शिकायत की जाती रही है कि वह अपने राउटर की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त काम नहीं करती, जिससे हैकर्स के लिए इन डिवाइसेस का दुरुपयोग करना आसान हो जाता है।