कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया राज्य के 43वें विधानसभा चुनाव अक्तूबर माह में होने जा रहे हैं। इसे लेकर पंजाबी मूल के लोगों में खासा उत्साह है, क्योंकि बीसी के कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर पंजाबियों का खासा दबदबा है। इस बार पंजाबी मूल की 11 महिलाएं मैदान में हैं, जिसमें 9 महिलाएं एनडीपी की तरफ से मैदान में उतरी हैं।कंजरवेटिव पार्टी ने एक महिला को टिकट दी है जबकि एक आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में है। 42वीं विधानसभा में बीसी की अटार्नी जनरल रही निक्की शर्मा, शिक्षा मंत्री रचना सिंह, संसदीय सचिव हरविंदर कौर संधू, विधायिका जिन्नी सिमज दोबारा मैदान में हैं। वहीं, कैमलूप्स केंद्रीय क्षेत्र से कमल ग्रेवाल, लंगारा से सुनीता धीर, सारह कून्नर, जस्सी सुन्नड़, रिया अरोड़ा मैदान में हैं। डॉ. ज्योति तूर कंजरवेटिव की तरफ से व दपिंदर कौर सरां आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं।
2020 में जीते थे आठ पंजाबी
बीसी के कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर जीत-हार का फैसला पंजाबी मूल के लोग करते हैं। इसमें खासकर वैंकुवर, सरीं, विक्टोरिया प्रमुख हैं। 2021 की जनगणना के मुताबिक, कनाडा की कुल जनसंख्या 3 करोड़ 70 लाख है। कुल आबादी का चार प्रतिशत यानी लगभग 16 लाख कनाडाई भारतीय मूल के हैं। वहीं, लगभग 7 लाख 70 हजार सिर्फ सिख हैं। कनाडा में सिखों की आबादी काफी तेजी से बढ़ी है। ईसाई, मुस्लिम और हिंदू के बाद सिख कनाडा का चौथा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है। यही नहीं, अंग्रेजी और फ्रेंच के बाद पंजाबी कनाडा में तीसरी सबसे लोकप्रिय भाषा है। कनाडा में सबसे ज्यादा सिख ओंटारियो, ब्रिटिश कोलंबिया और अल्बर्टा में रहते हैं। बीसी में चुनाव पर सिर हैं और पंजाबी मूल में खासा उत्साह है।