कई मायनों में वंदे भारत पहले से काफी बदल गई है। रेलवे अब तक इसमें करीब 25 बदलाव कर चुका है। जानिए ट्रेन में हुए कुछ अहम बदलाव
160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ने वाली देश की सेमी हाई रफ़्तार ट्रेन ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस ट्रेन अब नए रंग रूप में और नए बदलावों के साथ ट्रैक पर दौड़ेगी। देश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी 2019 को हरी झंडी दिखाई थी। यह नई दिल्ली से वाराणसी के बीच दौड़ती है। 5 साल में देश को 25 वंदे भारत मिल चुकी हैं। यह पहले नीले रंग की थी और अब इसका रंग भगवा (केसरिया) होगा। और भी कई मायनों में वंदे भारत पहले से काफी बदल गई है। रेलवे अब तक इसमें 25 बदलाव कर चुका है। जानिए ट्रेन में हुए कुछ अहम बदलाव…
कोच केसरिया और ग्रे कलर के होंगे। केसरिया रंग राष्ट्रीय ध्वज से लिया गया है।
एक्जिक्यूटिव चेयरकार की सीटों का रंग भी लाल से बदलकर नीला कर दिया गया है।
सीटों का डिक्लाइनिंग एंगल 17.31 डिग्री से बढ़ाकर 19.37 डिग्री किया गया है, यानी अब इसे पीछे की और ज्यादा झुकाया जा सकेगा। ऐसे में नींद आने लोग चेयरकार पर भी सो सकेंगें।
सीटों को और गद्देदार बनाया गया है, ताकि सफर लंबा हो तो बैठने में परेशानी नहीं होगी। इनकी हार्डनेस कम होगी और यह पहले से ज्यादा मुलायम होंगी।
कोच के बाथरूम में लगे वॉश बेसिन को और गहरा किया गया है, क्योंकि अभी गहराई कम है, इसलिए पानी बाहर निकल जाता है।
सीट के साथ लगे मोबाइल चार्जिंग पॉइंट को बदला गया है। अब यह सीट के नीचे होगा, ताकि आसानी से इस्तेमाल किया जा सके।
एग्जिक्यूटिव चेयरकार में फुट रेस्ट को बढ़ाया गया है। आखिरी सीट पर बैठकर भी पैरा फैलाए जा सकेंगे।
दिव्यांग पैसेंजरों के लिए कोच के अंदर व्हीलचेयर फिक्सिंग पॉइंट बनाया गया है।
टॉयलेट में ज्यादा रोशनी के लिए लाइट के वॉट को 1.5 से बढ़ाकर 2.5 कर दिया गया है।
रोलर ब्लाइंड फैब्रिक की पारदर्शिता कम की जाएगी। वॉटर टैप पहले से ज्यादा आसानी से इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
एग्जिक्यूटिव चेयर क्लास में सीट के पास मैगजीन बैग मिलेगा। टॉयलेट के हैंडल भी बदले गए हैं।
इमरजेंसी में प्रयोग किए जाने वाले हथौड़े के कवर को बदला गया है, ताकि इसे पकड़ना आसान हो।
इमरजेंसी टॉकबैक यूनिट को भी और ज्यादा इस्तेमाल करने योग्य बनाया गया है, ताकि ड्राइवर से सीधे बात हो सके।
एयर कंडिशनिंग की अच्छी सुविधा के एयर टाइट डोर बनाए गए हैं। इमरजेंसी स्टॉप बटन की जगह बदली गई है।
खिड़कियों के पर्दे भी बदले गए हैं। एंटी क्लाइम्बिंग डिवाइस लगाया गया है। रीडिंग लैंप टच को रेजिस्टिव से कैपिसिटिव टच में बदला गया है।