पंजाब पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। इस समय प्रदेश पर 3.74 लाख करोड़ से ऊपर का कर्ज है, जिसे कम करना राज्य सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार ने विभागों की फिजूलखर्ची की धर-पकड़ शुरू कर दी है। सरकार की तरफ से अब आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) सर्वे के बाद ही सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। सरकार की तरफ से तीन विभागों से इसकी शुरुआत की जा रही है, जिसमें मंडी बोर्ड, स्थानीय निकाय व लोक निर्माण विभाग का बीएंडआर शामिल है। पहले चरण में सरकार का लक्ष्य 200 करोड़ रुपये बचाने का है, जिसके बाद ही बाकी संबंधित विभागों में इसे लागू करके आगे की रुपपेखा तैयार की जाएगी।
मंडी बोर्ड की तरफ से 13,000 मिलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जाना है, जिसके लिए एआई सर्वे शुरू हो गया है। इस सर्वे के आधार पर ही सड़कों का निर्माण किया जाएगा। कमेटियों व अन्य स्थानीय इकाइयों की तरफ से उन सड़कों का प्रस्ताव भी रिपेयर करने के लिए भेज दिया जाता है, जो पहले से ठीक होती है।
बोर्ड ने पिछले साल भी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रिपेयर से पहले सड़कों का एआई सर्वे कराया था। सर्वे में करीब 7 करोड़ का रिपेयर वर्क ऐसा सामने आया था, जो जरुरी नहीं था। सर्वे में सड़कों की हालत ठीक पाई गई थी। इसी तरह कई बार ऐसी सड़कों के प्रस्ताव भी भेज दिए जाते हैं, जिसका कुछ हिस्सा खराब और कुछ ठीक होता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले साल ही ग्रामीण सड़कों का निर्माण एआई तकनीक से करने के निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि उच्च गुणवत्ता यकीनी बनाने के साथ-साथ संबंधित प्रोजेक्ट को आवंटित एक-एक पैसे का उचित तरीके से खर्च सुनिश्चित किया जाए। जिसके बाद ही विभाग ने इन सड़कों का एआई सर्वे कराने का फैसला लिया था। मंडी बोर्ड व बीएंडआर ने कुल 5,382 सड़कों की रिपेयर का काम पूरा करना है, जिसके लिए लोन भी लिया जाना है।
अमृतसर व लुधियाना में लागू किया था प्रोजेक्ट
इसके अलावा स्थानीय निकाय विभाग ने भी पिछले साल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सड़कों की रिपेयर की का काम एआई सर्वे के बाद करने का फैसला लिया था। लुधियाना व अमृतसर पर इस पर काम किया गया था, जिसका विभाग को अच्छा रिस्पांस मिला है। इसी के चलते अब विभाग की तरफ से सड़कों के निर्माण के जो नए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं, उनमें एआई तकनीक लागू करने की तैयारी की जा रही है। निकाय विभाग फिलहाल 33 फोकल पॉइंट में सड़कों की रिपेयर का काम पूरा करना है, जिसके लिए स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया से कम ब्याज दर पर 50 करोड़ रुपये का लोन लिया जाना है।