वैश्विक बाजारों में सुस्ती के रुख के बीच बृहस्पतिवार को दिल्ली सराफा बाजार में सोना 1,150 रुपये सस्ता होकर 89,000 से नीचे आ गया और 88,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव बंद हुआ। चांदी की कीमत भी 1,000 रुपये कम होकर 98,500 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बंद हुई। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, एमसीएक्स में बिकवाली होने के कारण सोने की कीमतों में कमजोरी देखी गई और यह 85,000 रुपये तक गिर गई। अगर एमसीएक्स पर सोना गिरकर 84,800 रुपये के स्तर तक आता है, तो इसमें और भी कमजोरी आ सकती है। बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर सराफा बाजार बंद थे।

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कॉमेक्स पर भी कीमतों में गिरावट
विदेशी बाजारों में अप्रैल डिलिवरी के लिए कॉमेक्स सोने का वायदा भाव 23.10 डॉलर गिरकर 2,907.50 डॉलर प्रति औंस रह गया। इसके अलावा, हाजिर सोना 2,900 डॉलर के स्तर से नीचे फिसल गया और इसकी कीमतें 2,892.95 डॉलर प्रति औंस पर आ गईं।

सुरक्षित निवेश के लिए सोने की मांग मजबूत
अबांस होल्डिंग्स के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा, शुल्क संबंधी चिंताओं के कारण डॉलर में तेजी आने से सोने की कीमतें एक और रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद नीचे आई हैं। हालांकि, सुरक्षित निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण में यूरोपीय संघ से आयात पर 25 फीसदी शुल्क की घोषणा की है। मेक्सिको और कनाडा पर शुल्क लागू होने की संभावना स्पष्ट नहीं होने से बाजार अनिश्चित हो गए हैं, जिससे सोने की मांग जारी है।

इस साल अब तक 11 फीसदी बढ़े दाम
सोना की कीमत एक जनवरी के 79,390 रुपये की तुलना में बढ़कर 88,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई है, जो 11.09 फीसदी की वृद्धि है। इस अवधि में चांदी में भी 8.83 फीसदी की तेजी आई है।

एलआईसी को 480 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस
एलआईसी को 2020-21 से जुड़े मामले में मुंबई प्राधिकरण से 479.88 करोड़ का जीएसटी नोटिस मिला है। बीमा कंपनी ने कहा, विभाग ने इनपुट टैक्स क्रेडिट को लेकर गलत तरीके से गणनी की है। इस नोटिस के खिलाफ संबंधित प्राधिकरण में अपील की जाएगी।

हाउसिंग प्राइस इंडेक्स में 3.1 फीसदी की तेजी
अखिल भारतीय हाउस प्राइस इंडेक्स 2024-25 की तीसरी तिमाही में 3.1 फीसदी बढ़ गया। उसके पहले की तिमाही में यह 4.3 फीसदी और एक साल पहले समान अवधि में 3.8 फीसदी बढ़ा था। 10 प्रमुख शहरों में पंजीकरण अधिकारियों से प्राप्त लेनदेन के आधार पर इसे जारी किया गया है।

यूपीआई : एक माह में रिकॉर्ड 16.99 अरब बार लेनदेन
जनवरी में यूपीआई से रिकॉर्ड 16.99 अरब बार लेनदेन हुआ। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह लेनदेन किसी भी महीने में दर्ज की गई अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। बयान में कहा गया कि 2023-24 से डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र की आधारशिला है। यह देश भर में खुदरा भुगतानों में 80 प्रतिशत का योगदान देता है। 2023-24 में यूपीआई से कुल लेनदेन 131 अरब बार दर्ज किया गया था। उपयोग में आसानी, बैंकों और फिनटेक प्लेटफार्मों के बढ़ते नेटवर्क के साथ, यूपीआई देश भर में लाखों उपयोगकर्ताओं के लिए वास्तविक समय के भुगतान का पसंदीदा तरीका है। देश में 80 से अधिक यूपीआई एप हैं। 641 बैंक वर्तमान में यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र पर सक्रिय हैं।