जालंधर : कनाडा जाने के 4 दिन बाद गांव नौली निवासी गगनदीप गिल की अचानक मौत हो गई थी। अब 17 दिन बाद उसका शव कनाडा से गांव नौली पहुंचा। गगनदीप उर्फ गग्गू की मौत का रहस्य अभी भी बरकरार है। जैसे ही दिल्ली से एंबुलेंस गगनदीप का शव लेकर नौली गांव पहुंची तो गांव में मातम छा गया। शव को देखते ही घर में बैठे परिजन और अन्य गांव वासियों का रो-रो कर बूरा हाल हो गया।
गगनदीप की मां सीमा और बहन हीना गिल की हालत देखी नहीं जा रही थी। परिजनों ने उन्हें बड़ी मुश्किल से संभाला। गगनदीप की मौत वाले दिन से ही उसके घर में मातम छाया हुआ था। कनाडा से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, गगनदीप की मौत न तो दिल का दौरा पड़ने से हुई और न ही मौत का कारण ब्लड क्लॉट था। रिपोर्ट के मुताबिक, मौत का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। मौत का सही कारण पता चलने में अभी कुछ हफ्ते और लग सकते हैं।
गगनदीप गिल उर्फ गग्गू के शव को भारत लाने में राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने अग्रणी भूमिका निभाई। कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त और विदेश मंत्री एस. जय शंकर से संपर्क बनाए रखने के बाद ही गगनदीप की घर वापसी संभव हो सकी। मृतक गगनदीप के चचेरे भाई पॉल सिंह नोली ने बताया कि गगनदीप उर्फ गग्गू 6 सितंबर को अमृतसर एयरपोर्ट से कनाडा के लिए रवाना हुआ था। कनाडा पहुंचने के चार दिन बाद ही 10 सितंबर को गगनदीप की मौत हो गई। यह समझ नहीं आ रहा है कि गगनदीप की अचानक मौत कैसे हो गई? इस दौरान बड़ी संख्या में एकत्रित लोगों और रिश्तेदारों की मौजूदगी में आज गगनदीप गिल का अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसके शव को उसके पिता मोहन लाल द्वारा अग्नि दी गई।