जालंधर (नवीन पूरी) : श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा अभियान के निमित्त हर जिले में सभी राम भक्तों को निमंत्रण देने हेतु श्री अयोध्या धाम से पूजित अक्षत से भरे हुए कलश जालंधर विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के पास आ चुके है उनको आगे मन्दिरों में वितरण करने से पहले हवन का आयोजन मंगलवार दिनांक 19 दिसंबर समय सुबह 8 बजे स्थान श्री गीता मंदिर सेंट्रल टाउन में किया गया । जिसमें राम भक्तों को कलश दर्शन व घर घर अक्षत और राम मंदिर कमेटी द्वारा भेजा गया संदेश पहुंचाने हेतू शहर अलग अलग जगह के मन्दिरों में भेजें गये ताकि सभी राम भक्त इस संदेश पत्रक व कलश दर्शन प्राप्त कर सके।
प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को श्रीराम जन्म भूमि पर बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। विश्व हिंदू परिषद के जालंधर इकाई के कपिल बजाज ने बताया कि हर घर तक एक चुटकी अक्षत व श्रीराम मंदिर के चित्र पहुंचाने के लिए विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व अन्य संगठन विशेष प्रबंध कर रहे है महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में अक्षत कलश रखने, उनके रख-रखाव, उनकी पवित्रता बनाए रखने के लिए विशेष संगठनात्मक प्रबंध किए गए हैं।
मंदिर ट्रस्ट द्वारा भेजे सन्देश में कहा गया कि सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक हर गांव, मोहल्ले, कालोनी में स्थित मंदिरों में श्रीराम भक्तों द्वारा भजन-कीर्तन, एलईडी स्क्रीन लगाकर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखने, शंख-ध्वनि, घंटा नाद, आरती, उपवास करने व प्रसाद वितरण करने, हृश्रीराम जय राम, जय जय राम ह्र रूपी विजय मंत्र, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, राम रक्षा स्त्रोत आदि के सामूहिक पाठ करने का आह्वान किया है। उन्होंने इस दिन सभी हिंदू समाज के लोगों से सूर्यास्त के बाद अपने घर, दुकान, व्यापारिक संस्थान के सामने देवताओं की प्रसन्नता के लिए गौ माता के गोबर से तैयार दीपक प्रज्वलित करने के साथ-साथ, 496 वर्ष के निरंतर संघर्ष के बाद आए इस पावन दिवस को दीपोत्सव के रूप में मनाने के लिए आग्रह किया गया है।
आगामी पौष शुक्ल, द्वादशी, विक्रम संवत् 2080, सोमवार (दिनांक 22 जनवरी, 2024) के शुभदिन, प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को, श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण-प्रतिष्ठा की जायेगी।
इस अवसर पर अयोध्या में अभूतपूर्व आनन्द का वातावरण होगा। आप भी प्राण- प्रतिष्ठा के दिन (पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 01:00 बजे के मध्य) अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी में स्थित किसी मंदिर में आस-पड़ोस के रामभक्तों को एकत्रित करके, भजन- कीर्तन करें, टेलीविजन अथवा कोई पर्दा (L.E.D., स्क्रीन) लगाकर अयोध्या का प्राण- प्रतिष्ठा समारोह समाज को दिखायें, शंखध्वनि, घंटानाद, आरती करें, प्रसाद वितरण करें।
कार्यक्रम का स्वरूप मंदिर केन्द्रित रहे, अपने मंदिर में स्थित देवी-देवता का भजन- कीर्तन-आरती-पूजा तथा ” श्रीराम जय राम जय जय राम” विजय महामंत्र का 108 बार सामूहिक जाप करें। इसके साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामरक्षा स्तोत्र आदि का सामूहिक पाठ भी कर सकते हैं। सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे, वातावरण सर्वत्र सात्विक एवं राममय हो जायेगा। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह दूरदर्शन द्वारा सीधे प्रसारित किया जायेगा, अनेक चैनलों के माध्यम से भी प्रसारण किया जायेगा।
प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सायंकाल सूर्यास्त के बाद अपने घर के सामने देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाएँ: दीपमालिका सजायें, विश्व के करोड़ों घरों में दीपोत्सव मनाया जाये।
आपसे निवेदन है कि प्राण-प्रतिष्ठा दिन के उपरान्त प्रभु श्रीरामलला तथा नवनिर्मित मंदिर के दर्शन हेतु अपने अनुकूल समयानुसार अयोध्याजी में परिवार सहित पधारें।