प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को महाराष्ट्र दौरे पर देश को तीन नए युद्धपोत समर्पित करेंगे। पीएमओ के मुताबिक, तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया जाना रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है। साथ ही प्रधानमंत्री नवी मुंबई में इस्कॉन की परियोजना के अंतर्गत श्रीश्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का भी उद्घाटन करेंगे। नौ एकड़ में फैली इस परियोजना में कई देवताओं के विग्रह के साथ एक मंदिर, एक वैदिक शिक्षा केंद्र, प्रस्तावित संग्रहालय, सभागार और उपचार केंद्र शामिल हैं।
समुद्र में लंबे समय तक रह सकता है आईएनएस नीलगिरी
आईएनएस नीलगिरी 17ए स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने व स्टील्थयुक्त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है। यह स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है।
दुनिया के विध्वंसक जहाजों में शुमार आईएनएस सूरत
आईएनएस सूरत 15बी श्रेणी के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम जहाज है। यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक जहाजों में शुमार है। इसमें 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री है, जो अत्याधुनिक हथियार, सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है।
फ्रांसीसी नौसेना के सहयोग से वाघशीर का निर्माण
आईएनएस वाघशीर पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी है। आईएनएस वाघशीर पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है। इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है।