गोलेवाला(फरीदकोट):-किसान आंदोलन खत्म होने पर किसान अपने घरों को लौटने लगे हैं। लौटते समय किसानों के चेहरे पर खुशी है। किसान सुखदीप सिंह ने कहा हमें खुशी है, कि हमारी सभी मांगें मान ली गई है। किसानों ने इस संघर्ष में अपने कई साथियों को भी खोया, उसका भी गम सदा उन्हें रहेगा। किसानों ने कहा आज का दिन हमारे लिए किसी बड़े त्योहार से कम नहीं है, किसानों का कहना था कि दिल्ली के लोगों ने उन्हें भरपूर प्यार दिया, व उनका साथ दिया, उन्हें कभी ऐसा महसूस नहीं होने दिया कि वह घर से बाहर बैठे हैं।भारतीय किसान यूनियन डकौदा के प्रधान धर्मपाल रोड़ीकपूरा ने कहा हमें खुशी तो है घर वापसी की, परंतु घर वापसी के समय जिला मुक्तसर के गांव आशा बुट्टर के दो नौजवानों की मौत का गहरा सदमा लगा है। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के उप प्रधान मास्टर लाल सिंह ने कहा लगातार एक साल तक हम दिल्ली के बार्डर पर किसानी संघर्ष में किसानों के साथ रहे, लेकिन अब हमारी सारी मांगे मान ली गई है, वह किसानी संघर्ष खत्म कर हम अपने घरों को वापस लौट रहे हैं।भारतीय किसान यूनियन कादिया के जिला प्रधान गुरमीत सिंह ने कहा 9 दिसंबर को किसान संगठनों के प्रस्तावों में से कई मांगों को सरकार ने स्वीकार किया। केंद्र सरकार ने नए मसौदे में प्रदर्शनकारियों पर से तत्काल केस वापसी के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी कमेटी को लेकर सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कमेटी तय करेगी, कि सभी किसानों को एमएसपी मिलना किस तरह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा हमने अपने हकों के लिए लड़ाई लड़ी थी जिसमें हमारी जीत हुई है lभारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के जिला सचिव सूरजभान सिंह ने कहा लगातार एक साल तक चले इस किसानी संघर्ष को लेकर हर किसी के मन में अलग-अलग विचार थे। किसानों की दृढ़ एकता व हौसले की मैं सहारना करता हूं जिन्होंने 1 साल तक पुरजोर संघर्ष में हिस्सा लिया वे दिल्ली के बार्डर पर डटे रहे। आखिरकार केंद्र सरकार को किसानों के आगे झुकना पड़ा व तीनों कृषि कानून रद करने के साथ-साथ एमएसपी वह हमारे किसानों पर दर्ज किए गए पर्चो को रद करने व और भी कई मांगों पर सहमति बनी, जिसके बाद यह आंदोलन खत्म कर शनिवार को हम अपने घर वापसी कर रहे हैं।