फरीदकोट:-(प्रबोध शर्मा)प्रदेश सरकार के अधिकांश विभागों के कर्मचारी अपनी लंबित व तत्कालीन मांगों को लेकर हड़ताल पर है। हड़ताल के कारण सरकारी दफ्तरों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। जनता की सरकार होने का दंभ भरने वाली प्रदेश सरकार के शासनकाल में लोग परेशान हैं। राज्य सरकार को भी रोजाना करोड़ों रुपये की क्षति पहुंच रही है। बेचारी बनी जनता की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है, हड़तालियों के आगे प्रशासन भी बेबस दिखाई दे रहा है।आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए हड़ताली कर्मी भी प्रदेश सरकार के कुछ दिन शेष बचे होने को देखते हुए पूरा दबाव बना रहे है, उनका दबाव कितना रंग लाता है, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा, परंतु कर्मियों की हड़ताल से लोगों को जो परेशानी हो रही है। चाहे वह सरकारी अस्पतालों में हो, सरकारी बसों के न चलने से हो आदि। वर्तमान में जिले में एक-दो नहीं बल्कि अनेक संगठनों द्वारा अलग-अलग अपने-अपने तरीके से अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। इन संगठनों को विपक्षी दलों का साथ भी मिल रहा है। विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी तरह-तरह के हथकंड़े अपनाए जा रहे हैं। इन्हीं हथकंडों में से एक पिछले दिनों डीजीपी का पत्र भी इन दिनों इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री चन्नी का जहां कहीं भी कार्यक्रम हो वहां पर डीजे लगा कर बाणी चलाई जाए जिससे विरोध करने वालों की आवाज दब जाए। इस आदेश पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रिया देखते हुए सरकार द्वारा द्वारा कुछ ही घंटों में वापस ले लिया गया, इसी प्रकार से मानसा में अध्यापकों के साथ पुलिस र्दुव्यवहार को देखते हुए सभी अध्यापक संगठन सरकार के विरोध में नया मोर्चा खोलते हुए दिखाई दे रहे है।पहले ही तरह-तरह के विरोध-प्रदर्शन से परेशान सरकार की आने वाले दिनों में और परेशानी बढ़ने का संकेत किसाना संगठनों की ओर दिया जा रहा है, जिसमें किसानों ने प्रदेश सरकार से कर्जा माफी की घोषणा को पूरी तरह से लागू करने की मांग कर रहे है, ऐसे में दिल्ली बार्डर से लौअ रहे किसानों द्वारा भी जल्द ही प्रदेश सरकार के विरूद्व नया मोर्चा खोलने का अंदेशा जताया जा रहा है। ऐसे में आम लोग कह रहे है कि पहले ही सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल से निपटने में शासन-प्रशासन बेदम दिखाई दे रहा है, ऐसे में यदि किसानों ने भी अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया तो सरकार के साथ आम लोगों की और मुश्किलें बढ़ जाएगी।