शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के सुरक्षा अधिकारियों ने चीन में आतंकवाद से जड़ निपटने के लिए अभ्यास किया। इसमें आतंकवादी संगठनों को करारा जवाब देने के लिए सभी देशों के जवानों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। उत्तर पश्चिम चीन के झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में आयोजित इंटरेक्शन 2024 में भारत की भी एक छोटी टुकड़ी ने अभ्यास किया।विश्वभर में बढ़ रहे आतंकवादी खतरों को देखते हुए शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देश चीन ने अभ्यास को लेकर सभी देशों को आमंत्रित किया था। एससीओ का मानना है कि आतंकवाद से निपटने के लिए एससीओ देश चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस को मिलकर काम करने और इसका सामना करने की जरूरत है।इसे लेकर शंघाई सहयोग संगठन से जुड़े देशों के सुरक्षा अधिकारियों को आतंकवाद से निपटने के लिए नई तकनीक और उसके उपयोग की जानकारी दी गई। अभ्यास के दौरान सैनिक और पुलिस अधिकारियों ने असॉल्ट राइफल, पिस्तौलों और दंगा ढाल से लैस होकर हमले निपटने का अभ्यास किया। इसके अलावा आतंकवादी खतरों का जवाब देने के लिए बख्तरबंद, वाहन, ड्रोन, रोबोट, कुत्तों और हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी अभ्यास किया गया।
अभ्यास का एससीओ सदस्य देशों, सचिवालय और एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी कार्यकारी समिति के प्रतिनिधियों ने अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब सभी एससीओ सदस्य देशों की संबंधित एजेंसियों ने आतंकवादी विरोधी अभ्यास में भाग लिया है। चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेम्पररी इंटरनेशनल रिलेशंस के रिसर्च फेलो और सुरक्षा विशेषज्ञ ली वेई ने बताया कि अब तक हुए सभी अभ्यास में सभी देशों को शामिल नहीं किया जाता था। इस अभ्यास से साफ है कि आतंकवाद से निपटने के लिए सभी देश आगे आए हैं।बता दें कि आतंकवाद से निपटने को लेकर बीजिंग एससीओ का आतंकवादी विरोधी दल हाल ही में सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में सामने आया है। जो सुरक्षा और रक्षा संबंधी मुद्दों पर ध्यान देता है।