आम चुनाव में भाजपा के बहुमत से चूकने के बाद नई सरकार की भावी कार्यशैली, रीति-नीति में कई तरह के बदलाव के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले सौ दिनों में नीतिगत स्तर पर कोई बदलाव नहीं दिखा। विकास, विदेश नीति से लेकर हिंदुत्व तक मोदी सरकार अपने पिछले दो कार्यकाल की तरह ही पुराने अंदाज में आगे बढ़ रही है।सरकार सोमवार को 100 दिन पूरे करने वाली है। इस छोटी-सी अवधि में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए तीन लाख करोड़ की योजनाएं मंजूर की जा चुकी हैं। वहीं लोकसभा में वक्फ कानून संशोधन विधेयक पेश करने के साथ सरकार समान नागरिक संहिता के प्रति पुरानी प्रतिबद्धता दर्शाकर हिंदुत्व की पिच पर भी मजबूती से कदम आगे बढ़ाती दिखी।मोदी सरकार ने युवा, महिला, किसान और गरीब केंद्रित कई योजना और नीतियां लागू की हैं। नई सरकार ने मध्य वर्ग और गुलामी से जुड़े प्रतीकों को खत्म करने के एजेंडे को आगे बढ़ाया है। मसलन ब्रिटिशकालीन आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए लाए गए तीन नए कानून को एक जुलाई से लागू करने के साथ पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम कर दिया।
ढांचागत परियोजनाओं को आगे बढ़ाया
सरकार ने सड़क, रेल, बंदरगाह और हवाई मार्ग से जुड़े क्षेत्र में तीन लाख करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें महाराष्ट्र के वधावन को भविष्य में दुनिया के दस शीर्ष बंदरगाहों में शामिल कराने के लिए 76,200 करोड़ की लागत से मेगा पोर्ट बनाना शामिल है। टोले-माजरे और कम जनसंख्या वाली जगहों में 62,500 किमी सड़क निर्माण के लिए 49,000 करोड़, अन्य सड़क नेटवर्क के लिए 50,600 करोड़ की योजना को मंजूरी मिली। 936 किमी के आठ हाई स्पीड रोड कॉरिडोर, 8 नई रेलवे लाइन सहित कई नए एयरपोर्ट, मेट्रो निर्माण या विस्तार से जुड़ी परियोजनाएं आगे बढ़ीं।
सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि तीसरी बार सत्ता में आने के बाद मंत्रिमंडल के विभाग बंटवारे, भविष्य की नीति और कार्यशैली में बदलाव की बात कही जा रही थी। लेकिन पहले सौ दिन में हमने साबित कर दिया है कि नीतिगत मामलों में किसी तरह के बदलाव का सवाल ही नहीं उठता। इस संदर्भ में दस साल से जारी पुरानी नीतियां पहले की तरह बदस्तूर जारी रहेंगी।