कर्नाटक के भाजपा नेता सीटी रवि की गिरफ्तारी ने राज्य की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। हाल ही में जहां भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनकी गिरफ्तारी को लेकर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की थी, वहीं विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलावड़ी नारायणस्वामी ने रवि की गिरफ्तारी के दौरान उनके साथ हुए दुर्व्यवहार की निंदा की है। नारायणस्वामी ने मंगलवार को दावा किया कि सीटी रवि को गिरफ्तार करने के बाद रात भर गाड़ी में बिना खाने और पानी के रखा गया और उनके साथ किसी आतंकी के जैसा बर्ताव हुआ। उन्होंने मामले में न्यायिक जांच की मांग कर दी।
भाजपा नेता नारायणस्वामी ने सदन में कहा, “अशोक जी, बोम्मई जी और विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की। सीटी रवि को गिरफ्तार किया गया और पूरी रात उन्हें इधर से उधर ले जाया जाता रहा। वह भी बिना खाना और पानी दिए। उन्हें एक आतंकी की तरह रखा गया। हम इस मामले में न्यायिक जांच की मांग करते हैं।”
सीटी रवि पर क्या हैं आरोप?
भाजपा नेता सीटी रवि पर पिछले हफ्ते विधान परिषद में मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप है। कांग्रेस का आरोप है कि 19 दिसंबर को जब सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित हुई तो विधान परिषद में भाजपा के सदस्य रवि ने विधान परिषद में हेब्बालकर के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया। हेब्बलाकर की शिकायत के आधार पर उन्हें उसी दिन शाम को सुवर्ण विधान सौदा परिसर से गिरफ्तार कर पुलिस वैन में ले जाया गया।
मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों पर पुलिस ने क्या कहा?
सीटी रवि और भाजपा नेताओं की तरफ से मानवाधिकार उल्लंघन करने के आरोपों के बाद पुलिस ने इस मामले में बयान जारी किया। सुरक्षा कारणों से और हीरेबागेवाड़ी पुलिस थाने के पास भारी भीड़ जुटने के चलते रवि को खानपुर पुलिस थाने ले जाया गया। पुलिस ने कहा, ‘‘खानपुर में भी बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी, समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए और अराजकतापूर्ण माहौल हो गया। और भी समर्थकों तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के पहुंचने की आशंका थी, तथा इन सभी कारणों से कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा था।’’
उसने कहा कि रवि की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें रामदुर्गा ले जाया गया। पुलिस ने कहा, ‘‘सभी सावधानियों के बावजूद, मीडिया और अन्य लोगों ने काफिले का पीछा किया। रवि की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उन सभी से बचने के लिए कदम उठाए गए। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, रवि को खाना और चिकित्सा सेवाओं सहित सभी सुविधाएं दी गईं और उन्हें अदालत में पेश किया गया।’’
हाईकोर्ट से मिली है जमानत
इससे पहले रवि की गिरफ्तारी के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को अपने अंतरिम आदेश में उन्हें तत्काल रिहा करने का फैसला दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। हालांकि, जस्टिस एमजी उमा की पीठ ने रवि को जांच में सहयोग करने और पूछताछ के लिए मौजूद रहने को कहा।