सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने सरकार से पीएसपीसीएल के 2600 करोड़ रूपये बकाया जारी करने की मांग की

     

    चंडीगढ़/01फरवरी: शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार से बिजली उपयोगिता के कारण 2600 करोड़ रूपये बकाया जारी करने की मांग की तथा कहा कि पीएसपीसीएल के प्रतिदिन के रोजमर्रा के कामकाज का नियंत्रण बेंगलौर की एक निजी कंपनी को सौंपकर पंजाब के बिजली क्षेत्र में मानव निर्मित संकट पैदा कर दिया है ।

     

    यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल के महासचिव सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि बैंगलोर स्थित निजी सलाहकार, अनुपम जोशी द्वारा पीएसपीसीएल के रोजमर्रा के कामकाज में हस्तक्षेप करना निंदनीय है। उन्होने बताया, ‘‘ यह दावा पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन , पीएसपीसीएल के इंजीनियरों एसोसिएशन द्वारा किया गया है। इससे पहले भी हम देख चुके ैं कि कैसे एक निजी कंसल्टेंट ने कैबिनेट की मीटिंग में भाग लिया और पंजाब सरकार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लिया था। अब यह बात सामने आई है कि निजी कंसल्टेंसी पीएसपीसीएल चला रही है। यह पीएसपीसीएल के अस्तित्व के लिए खतरा है और इससे पता चलता है कि कैसे मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने दिल्ली के अपने राजनीतिक आकाओं के अधीन सरकार चला रहे हैं। उन्होने कहा कि यह पंजाब के हितों के खिलाफ है , क्योंकि पीएसपीसीएल के पास धन की कमी है और उसे उच्च ब्याज दरों पर कर्जा लेने पर मजबूर किया जा रहा है’’।

     

    सरदार मजीठिया ने कहा कि आप पार्टी की सरकार ने पीएसपीसीएल में मानव निर्मित संकट पैदा कर दिया है जिसके दूरगामी परिणाम होंगें। उन्होने कहा कि ‘‘ पीएसपीसीएल का पतन जहां पंजाब में कृषि और उद्योग क्षेत्र के लिए विनाशकारी होगा, वही आम आदमी के लिए असहनीय कठिनाई का कारण बनेगा’’। उन्होने कहा कि अभी पंजाब सरकार पर पीएसपीसीएल का 2600 करोड़ रूपया बकाया है। इसमें सब्सिडी का भुगतान न करने के साथ साथ सरकारी विभागों की ओर से चूक भी शामिल है। उन्होने कहा कि फंड की कमी के कारण निगम नियमित मरम्मत करवाने में भी सक्षम नही है। उन्होने कहा, ‘‘ हमने राज्य के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा बिजली की कटौती देखी है। उन्होने कहा कि आगामी धान के सीजन के दौरान इस तरह की कटौती किसानों के साथ साथ राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था विनाशकारी साबित होगी

    अकाली नेता ने मुख्यमंत्री से पीएसपीसीएल के मामलों को दुरूस्त करने और पैसे जारी करने की मांग करते हुए इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुददों का हल करने की मांग की , जिसमें शीर्ष पदों को भरने और निगम में बाहरी हस्तक्षेप को रोकने की आवश्यकता भी शामिल है। उन्होने कहा कि हम पीएसपीसीएल को, जो कभी सरदार परकाश सिंह बादल के कार्यकाल के दौरान देश में नंबर वन यूटिलिटी हुआ करती थी, को तबाह नही होने दे सकते।