जालंधर,(राजीव)-विधानसभा हल्का जालंधर वेस्ट की राजनीति में खास महत्व रखने वाले भगत मेघ बरादरी से आते सुभाष गोरिया ने 6 महीने पहले ही शिव सेना छोड़ कर टिकट की आस में शिरोमणि अकाली दल का दामन थाम लिया था। उन्होंने दो महीने तक अकाली दल के लिए चुनावी तैयारियां व माहौल बनाने का काम भी जमीनी स्तर पर किया।लेकिन समय रहते उन्होंने इस बात का अदेशा हो गया था कि अब अकाली दल में वेस्ट से उन्हें उमीदवार बनाए जाने की संभावना कंम है ।नतीजन उन्होंने समय रहते ही शिव सेना राष्ट्रहित नाम की अपनी अलग पार्टी बनाकर अपना प्रचार शुरू कर लिया और अकाली दल से अपना नाता तोड़ लिया।जानकर बताते है कि सुभाष गोरिया ज़मीनी स्तर पर लोगो के साथ जुड़े हुए है।उन्होंने शिव सेना से दो बार लोकसभा और एक बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके है।शिव सेना का आधार न भी होते हुए भी सुभाष गोरिया ने अपनी अलग पहचान लोगो के दिलों में बना ली है।सुभाष गोरिया ने अपनी अलग पार्टी शिव सेना राष्ट्रहित बनाकर अपना चुनाव प्रचार शुरू कर लिया है।परंतु अभी तक उन्होंने किसी भी राजनीतिक पार्टी के साथ गठबंधन नही किया ओर न ही अपने उमीदवारों की घोषणा की है।जानकर बताते है कि सुभाष गोरिया जल्द ही शिव सेना राष्ट्रहित पार्टी से अपने उमीदवारों का एलान कर सकते है।जानकर यह भी बताते है कि सुभाष गोरिया का कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं के साथ गठबंधन की बात चल रही हैं।सुभाष गोरिया अपनी पार्टी का समर्थन कांग्रेस को भी दे सकते है।
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