अजरबैजान ने पाकिस्तान से 1.6 अरब डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 13 हजार करोड़ रुपये) में जेएफ-17 लड़ाकू विमान खरीदे हैं। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल फरवरी में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। बता दें कि अजरबैजान ने नागोर्नो-करबाख क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है। उसका अपने पड़ोसी देश आर्मेनिया के साथ विवाद चल रहा है।अजरबैजान मीडिया की रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सौदे के तहत अजरबैजान को पाकिस्तान से गोला-बारूद के अलावा आठ जेएफ-17 सी ब्लॉक-III विमान मिलेंगे। इसमें हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें शामिल होंगी। बीते बुधवार को हैदर अलीयेव अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव को औपचारिक रूप से विमान सौंपे जाने की घोषणा की। अजरबैजान के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि एफ-17 फाइटर जेट को देश की वायु सेना के शस्त्रागार में शामिल कर लिया गया है।
पकिस्तानी सेना के मीडिया प्रकोष्ठ इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि जुलाई में इस्लामाबाद की अपनी यात्रा के दौरान अलीयेव को इस लड़ाकू विमान की क्षमताओं के बारे में बताया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति अलीयेव ने इस समझौते की सराहना करते हुए कहा कि यह सौदा पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच मजबूत सैन्य सहयोग की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
जेएफ-17 खरीदने वाली तीसरा देश बना अजरबैजान
म्यांमार और नाइजीरिया के बाद अजरबैजान पाकिस्तान से जेएफ-17 लड़ाकू विमान खरीदने वाला तीसरा देश बन गया है। लंबे समय से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि इराक भी पाकिस्तान से जेएफ-17 खरीदने पर विचार कर रहा है।
पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर विकसित किया है जेफ-17
हल्के और बहुउद्देशीय जेएफ-17सी लड़ाकू विमानों का निर्माण पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स (पीएसी) और चाइना एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन (एवीआईसी) ने संयुक्त रूप से किया है। इनमें हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता है।