YouTube Shorts अब Veo 2 AI मॉडल को सपोर्ट कर रहा है लेकिन इसके बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है। इस फीचर को कुछ दिन पहले ही लॉन्च किया गया है। वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने घोषणा की कि गूगल के Veo 2 AI मॉडल को अब Dream Screen फीचर के साथ इंटीग्रेट किया जा रहा है। इस नए वीडियो जनरेशन मॉडल से अब यूजर्स स्टैंडअलोन AI-जनरेटेड वीडियो बना सकेंगे। कंपनी के अनुसार, यह टूल उन वीडियो फुटेज को जोड़ने में मदद करेगा जो आसानी से उपलब्ध नहीं होते या कल्पनाओं को हकीकत में बदलने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। गौरतलब है कि पहले Dream Screen केवल बैकग्राउंड वीडियो जोड़ने की सुविधा देता था।

    अब YouTube Shorts में AI वीडियो जनरेट कर सकेंगे यूजर्स

    एक ब्लॉग पोस्ट में YouTube ने बताया कि वह Google DeepMind के नवीनतम वीडियो जनरेशन मॉडल Veo 2 को Dream Screen के साथ इंटीग्रेट कर रहा है। इस नई सुविधा से यूजर्स स्टैंडअलोन वीडियो बना सकेंगे, जिन्हें Shorts में उपयोग किया जा सकता है। बता दें कि YouTube Shorts एक शॉर्ट-फॉर्मेट वर्टिकल स्क्रॉलिंग वीडियो इंटरफेस है, जिसे कंपनी ने 2020 में लॉन्च किया था।
    कंपनी के अनुसार, यह फीचर उन क्रिएटर्स की मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है जो ऐसे वीडियो फुटेज बनाना चाहते हैं, जिन्हें आसानी से ढूंढा नहीं जा सकता। यह टूल एक टेक्स्ट-टू-वीडियो जनरेटर है, जिसमें यूजर्स केवल टेक्स्ट के रूप में अपनी आवश्यकता दर्ज कर सकते हैं और Veo 2 AI मॉडल उसे वीडियो के रूप में तैयार कर देगा।
    Veo 2, जो कि नए वीडियो जनरेशन मॉडल है, को दिसंबर 2024 में Veo AI के सक्सेसर के रूप में पेश किया गया था। लॉन्च के समय, DeepMind ने बताया था कि Veo 2 ने जनरेट किए गए वीडियो की डिटेल्स और रियलिज्म को काफी बेहतर बनाया है। यह AI मॉडल सिनेमैटोग्राफी में भी अधिक सक्षम है और यह विभिन्न शैली, लेंस प्रकार, सिनेमैटिक इफेक्ट्स और कैमरा मूवमेंट्स को समझ सकता है।

    Veo 2 का उपयोग कैसे करें?

    Veo 2 के जरिए वीडियो जनरेट करने के लिए यूजर्स को पहले Shorts कैमरा खोलना होगा, फिर “Add” पर टैप कर मीडिया पिकर खोलना होगा और उसके बाद “Create” ऑप्शन को चुनना होगा। यहां यूजर्स को एक टेक्स्ट फील्ड मिलेगा, जहां वे अपना प्रॉम्प्ट (डिस्क्रिप्शन) दर्ज कर सकते हैं। इसके बाद वे स्टाइल चुनकर “Create Video” पर टैप करें और ड्यूरेशन तय करें।

    YouTube ने यह भी बताया कि वह SynthID वॉटरमार्क को सभी AI-जनरेटेड वीडियो क्लिप्स में जोड़ेगा, ताकि डीपफेक जैसी समस्याओं को रोका जा सके। फिलहाल, यह नया वीडियो जनरेशन फीचर ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और अमेरिका में उपलब्ध है।