चंडीगढ़(वेलकम पंजाब ब्यूरो )-शिरोमणी अकाली दल ने आज पटियाला में हुई झड़पों की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए और पंजाबियों से हर कीमत पर शांति और साम्प्रदायिक सदभाव बनाए रखने की अपील की तथा मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने की अपील की,जो राज्य में अब तक के सबसे निम्न स्तर पर पहुच गई है।अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार समय कार्रवाई करे पटियाला में अशांति की घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से विफल रही है। उन्होने कहा कि‘‘ यह कानून और व्यवस्था की स्थिति के पूरी तरह से ध्वस्त होने का उत्कृष्ट उदाहरण है। आप सरकार ने अग्रिम चेतावनी के बावजूद निर्णायक कार्रवाई नही की है। अब भी राज्य को व्यवस्थित करने के बजाय , इसके प्रवक्ता विपक्ष के साथ दोषारोपण का खेल खेलने में व्यस्त हैं। इसके राज्यसभा सांसद राघव चडडा ने तो यहां तक बेशर्मी से दावा किया है कि यह घटना अकाली दल और शिव सेना के बीच झड़प का नतीजा है। इस तरह के आरोप निंदनीय हैं और संकेत देते हैं कि आम आदमी पार्टी ने अतीत से कोई सबक नही सीखा है और दुर्भाग्यपूर्ण झड़पों का राजनीतिकरण कर रही है, जो राज्य में साम्प्रदायिक माहौल फिर से खराब हो सकता है।डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह पहली बार है कि राज्य में इस तरह की साम्प्रदायिक झड़प हुई है। ‘‘ पंजाबियों ने हमेशा बहुत ही मुश्किल समय में भी हमेशा साम्प्रदायिक सदभाव बनाए रखा है’’। उन्होने कहा कि पूरी तरह से प्रशासनिक व्यवस्था चरमराने के कारण स्थिति बदतर हो गई है। ‘‘ पिछले एक महीने से राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए कुछ भी नही किया गया है। अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री गहरी नींद से जाग जाएं। उन्हे इस बात का अहसास होना चाहिए कि सरकारें विपक्ष के खिलाफ दुष्प्रचार और घटिया अभियानों से नही चलती है। मुख्यमंत्री को घटना के पीछे के कारणों की जांच करनी चाहिए, जिसमें इंटेलिजेंस विभाग की विफलता भी शामिल है और कत्ल, टॉरगेट कीलिंग और डकैतियों सहित बार बार हिंसा की घटनाओं से आहत होने वाले लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करनी चाहिए’’।अकाली नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री तुरंत पटियाला में एक शांति कमेटी गठित करें ताकि यह ऐसी घटना दोबारा न हो यह सुनिश्चित किया जा सकें। ‘‘इसमें शामिल सभी व्यक्तियों के बीच वास्तविक सामंजस्य सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए’’। उन्होने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो , इसके लिए प्रोटोकॉल स्थापित किया जाना चाहिए।