चंडीगढ़/01नवंबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर कांग्रेस कार्यकाल में प्रभावित हुए बिजली टैरिफ में 35 फीसदी की बढ़ोतरी को वापिस लेकर पंजाब के लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है, यहां तक कि सरकार ने जोर देकर कहा कि सरकार अभी भी शिअद-बसपा गठबंधन की प्रतिबद्धता के अनुसार बिजली दरों में 800 यूनिट प्रति बिल लागू करने के बजाय बिजली उपभोक्ताओं से 3,791 करोड़ रूपये अधिक ले रही है।

    यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब भवन में और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू द्वारा कांग्रेस भवन में संबोधित अलग -अलग कार्यक्रम कांग्रेस सरकार के असली इरादों का वसीयतनामा है। ‘‘ नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस सरकार को यह कहकर बेनकाब कर दिया है कि वह न केवल पिछले दो महीनों के कार्यकाल के दौरान लोगों का मुर्ख बनाना चाहता है,तथा यह बताने के लिए कहा कि वह अपने वादे के अनुसार वादे पूरे करने के लिए धन कहां से लाएगा। मुख्यमंत्री को विपक्ष को नही तो अपने ही प्रदेश अध्यक्ष को अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए’’।

    यह बताते हुए कि मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह केवल चुनावी स्टंट का सहारा ले रहे हैं डॉ. चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि लोग उन पर तभी विश्वास करेंगें जब वे कांग्रेस सरकार के शेष हिस्से के दौरान एक सब्सिडी वाला बिल मिल पाएगा। ‘‘ यह इस सरकार के इरादों को साबित करता है कि लोगों को अपने वादों पर विश्वास करने के लिए वे धोखा देते हैं, जोकि कभी पूरे नही किए गए’’।

    अकाली नेता ने कहा कि लोगों को कांग्रेस पार्टी को उनके पिछले कार्यों से आंकना चाहिए। उन्होने कहा कि पार्टी ने 2017 में सत्ता में आने से पहले सस्ती बिजली उपलब्ध कराने का वादा किया था। हालांकि पिछले करीब पांच साल के दौरान इसने करीब एक दर्जन किश्तों में बिजली की दरों में 35 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसका मतलब है कि कंाग्रेस सरकार ने ज्यादा राजस्व एकत्र किया है। हालांकि दिखाने के लिए कुछ भी नही है। अकेले सरकारी विभागों का पीएसपीसीएल पर 2,231 करोड़ रूपया बकाया है, जो यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के कारण अतिरिक्त राजस्व बर्बाद किया गया है’’।

    आज मुख्यमंत्री की घोषणा के बारे में बोलते हुए डॉ. चीमा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि शिअद-बसपा गठबंधन जो बिजली उपभोक्ताओं को 800 यूनिट बिल प्रति चक्र मुफ्त देने के वादे का मुकाबला करने के लिए किया गया। उन्होने कहा कि ‘‘ अगर हम इस राहत की तुलना चन्नी द्वारा किए गए वादे से करें तो यह अभी भी 3,791 करोड़ रूपये कम है, जो अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल द्वारा किए गए वादे की प्रतिबद्धता से बेहद कम है। अगर हम उपभोक्ताओं को उनके बिल से 800 यूनिट प्रति बिल चक्र को कम करके दी गई कुल राहत की गणना करते हैं तो उन्हे 6,191 करोड़ रूपये की राहत मिलेगी। हालंाकि कांग्रेस सरकार द्वारा घोषित केवल 2400 करोड़ रूपये की है’’।

    डॉ. चीमा ने मुख्यमंत्री से यह स्पष्ट करने को कहा कि उन्होने अपने वादे को कैसे लागू करने का प्रस्ताव रखा क्योंकि हाल ही की घोषणा में सब्सिडी बिल को बढ़ाकर 13,934 करोड़ रूपये कर दिया गया।

    अकाली नेता ने मुख्यमंत्री से निजी थर्मल कंपनियों के बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) को रदद करने के संबंध में कार्रवाई करने को कहा। उन्होने कहा कि जीवीकेस् के पीपीए को रदद करना अप्रासंगिक था, क्योंकि कपंनी ढह गई और एक नॉन परफार्मिंग एसेट बन गई थी। उन्होने कहा कि सरकार ने अन्य पीपीए को रदद कर प्रशासनिक कार्रवाई करने का वादा किया था, लेकिन मुख्यमंत्री अब इस मुददे को विधानसभा तक ले जाने की बात कर रहे हैं। डॉ. चीमा ने आगे कहा, मुख्यमंत्री को जरूरी फैसले लेने के लिए ऐसे बहाने नही देने चाहिए’’।