अमृतसर/08नवंबर: पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर पेट्रोल और डीजल का दावा करने वाले झूठे विज्ञापनों पर करोड़ों रूपये खर्च करने तथा धोखा करने का आरोप लगाया है। जबकि सच्चाई यह है कि पंजाब में चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और जम्मू की तुलना में पेट्रोलियम की दरें अधिक हैं।

    शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता यहां आप के नेता और पार्षद अमरजीत भाटिया तथा इनके समर्थकों के साथ अकाली दल में शामिल होने के अवसर पर एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

    सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि इस मामले की सच्चाई यह है कि पिछले कई सालों से पंजाब और राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की दरें सबसे अधिक थी, बावजूद इसके कि कांग्रेसी नेता राहुल गांधी लगातार कटौती की मांग कर रहे थे। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य वैट तब भी कम नही किया, जब केंद्र ने पेट्रोल और डीजल दोनों पर सेंट्रल एक्साइज में पांच रूपये की कमी थी। ‘‘ अब भी केंद्र द्वारा प्रभावित कटौती और कई अन्य राज्यों द्वारा राज्य वैट में एक साथ कमी करने के कारण राज्य यह करने पर मजबूर है’’।

    सरदार मजीठिया ने कहा कि अब भी जब कांग्रेस सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करने को मजबूर किया गया , तब भी राज्य में डीजल की कीमतें चंडीगढ़ से 3 रूपये प्रति लीटर से अधिक और और हिमाचल और जम्मू से 3.25 रूपये प्रति अधिक है। उन्होने कहा कि सरकार यह दावा करके कि उन्होने लोगों को बहुत राहत दी है जबकि सच्चाई यह है कि यह लोगों को मुर्ख बनाने की कोशिश कर रही है क्योंकि पिछले करीब पांच साल में पंजाबियों पर इस खाते पर 30 हजार करोड़ रूपये तक का टैक्स लगाया गया था ।

    अकाली नेता ने कांग्रेस सरकार द्वारा घर घर नौकरी योजना को कांग्रेसी मंत्रियों और विधायकों के बेटों और रिश्तेदारों पर लागू करने की निंदा की। उन्होने कहा कि पहले भी बेअंत सिंह परिवार के वंशज को योग्यता मापदंड को दरकिनार करने के बाद डीएसपी बनाया गया था, यहां तक कि राकेश पांडे के बेटे को तहसीलदार और गुरप्रीत कांगड़ के दामाद को ईटीओ बनाया गया था। उन्होने कहा कि अब गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की बारी थी कि कांग्रेसी सरकार द्वारा बनाए गए वीआईपी कोटे का फायदा उठाकर उनके दामाद को एडिशनल एडवोकेट जनरल के तौर पर नियुक्त किया गया। उन्होने कहा कि 2017 अधिनियम जिसमें एक अभ्यासी वकील के रूप में 16 साल का अनुभव होना अनिवार्य कर दिया था, ‘‘ असाधारण परिस्थितियों ’ का लाभ उठाकर उसकी नियुक्ति कर दी गई।

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के हमले के बारे में पूछा गया तो अकाली नेता ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को अपने मुख्यमंत्री पर विश्वास नही है, तथा असीधे तौर पर वे उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। उन्होने कहा कि अब मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। उन्होने कहा कि सिद्धू ने सही कहा है कि कांग्रेस सरकार ने पिछले पांच सालों में कुछ भी नही किया ,अब अंतिम दो महीनों में पंजाबियों को लॉलीपॉप दिया जा रहा है।

    सरदार मजीठिया ने जोर देकर कहा कि सिर्फ मुख्यमंत्री ही बदला है तथा राज्य तथा इसके संसाधनों की लूट जारी है। उन्होने कहा कि अब राज्य कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी को लूट की वसूली करने और अपने हिस्से को जेब में रखने के बाद इसे एआईसीसी को सौंपने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।