एक कंपनी को अपराधी स्वभाव के कर्मचारी को नौकरी पर रखने की भारी कीमत चुकानी पड़ी। दरअसल इस कर्मचारी ने कंपनी में नौकरी के दौरान संवेदनशील डाटा चुरा लिया और जब कंपनी ने खराब प्रदर्शन के लिए उसे नौकरी से निकाला तो उसने उस संवेदनशील डाटा के आधार पर कंपनी को ही ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

    क्या है मामला
    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में बेस्ड एक कंपनी ने उत्तर कोरिया के एक व्यक्ति को नौकरी पर रखा। रिपोर्ट्स के अनुसार वह व्यक्ति एक साइबर अपराधी था, जिसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट आधार पर उत्तर कोरियाई व्यक्ति को नौकरी दी थी, जिसे घर से ही काम करने की सुविधा दी गई थी। नौकरी के दौरान उस साइबर ठग ने कंपनी के कंप्यूटर नेटवर्क में सेंध लगाई और वहां से काफी संवेदनशील डाटा डाउनलोड कर लिया। जब कंपनी ने उस व्यक्ति के खराब प्रदर्शन को देखा तो चार महीने बाद उसे नौकरी से निकाल दिया, लेकिन तब तक वह कंपनी का संवेदनशील डाटा चुरा चुका था। नौकरी से निकाले जाने के बाद उसने कंपनी को कुछ ईमेल भेजे, जिनमें कुछ संवेदनशील डाटा भी भेजा गया। आरोपी कंपनी से करोड़ों रुपये की फिरौती की मांग की वरना पूरा डाटा ऑनलाइन बेचने की धमकी दी।

    कंपनी ने अपनी पहचान जाहिर नहीं की है और उसने ये भी नहीं बताया है कि उसने आरोपी को फिरौती की रकम दी या नहीं, लेकिन कंपनी ने साइबर सुरक्षा से जुड़ी कंपनी सिक्योरवर्क को घटना की जानकारी दी है ताकि ऐसी घटनाओं को लेकर जागरुकता आ सके और लोग सावधान रहें।

    साइबर सुरक्षा कंपनी ने दी चेतावनी
    सिक्योरवर्क्स ने बताया कि रिमोट वर्कर्स के रूप में काम कर रहे उत्तर कोरियाई साइबर ठगों की नवीनतम घटना है, पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। एक बार काम पर रखे जाने के बाद, ये साइबर अपराधी अपने कर्मचारी की पहुंच का इस्तेमाल कर संवेदनशील कंपनी डाटा डाउनलोड कर लेते हैं। कुछ मामलों में, वे अपने पूर्व नियोक्ताओं से जबरन वसूली करने के लिए डाटा का उपयोग करते हैं। साइबर सुरक्षा अधिकारी 2022 से ही उत्तर कोरियाई साइबर ठगों के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। अधिकारियों ने नियोक्ताओं को चेतावनी दी है कि अगर वे रिमोट कर्मचारियों को नियुक्त कर रहे हैं, तो इन लोगों के बारे में सतर्क रहें।